सरकार चाहे तो 38 रुपए हो सकती है पेट्रोल की कीमत

If Govt. wants Petrol prices can be cut down to 38 rs./liter
सरकार चाहे तो 38 रुपए हो सकती है पेट्रोल की कीमत
सरकार चाहे तो 38 रुपए हो सकती है पेट्रोल की कीमत

डिजिटज डेस्क, नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर आलोचना झेल रही केंद्र की मोदी सरकार चाहे तो आम आदमी को 38 रुपए लीटर पेट्रोल मिल सकता है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी बयान दिया है कि पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें तभी ठीक हो सकती हैं जब इन्हें जीएसटी के दायरे में लाया जाए। 

देश के अलग-अलग राज्यों में डीजल और पेट्रोल की कीमतें अलग-अलग हैं। लेकिन जल्द पूरे देश में पेट्रोल-डीजल की एक समान कीमत हो सकती है। इसके लिए सरकारी स्‍तर पर प्रयास शुरू हो गया है। राज्य नैचुरल गैस पर वैल्यू ऐडेड टैक्स रेट 5% तक रखने और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इनपुट के रूप में इस्तेमाल होने वाले पेट्रोल, डीजल जैसे दूसरे ईंधनों पर वैट रेट कम करने पर राजी हो गए हैं।

ऐसे सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल
राज्यों में इसकी रूपरेखा बनने के बाद जीएसटी काउंसिल इस स्कीम पर विचार करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि काउंसिल इस प्रस्ताव पर जल्द ही अपना अंतिम फैसला लेगी। इसको लेकर अभी आधिकारिक स्तर पर केंद्र और राज्यों के बीच बात चल रही है। अगर पूरे देश में पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स पर एक समान टैक्स हो जाएगा तो उन राज्यों मेें पेट्रोल और डीजल की कीमतेें कम हो सकती हैं।

यदि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाएगा तो उस पर अधिकतम टैक्स 28 प्रतिशत ही लगेगा क्योंकि जीएसटी के तहत सभी उत्पादों पर पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत दर से टैक्स लिया जाता है।  सरकार पेट्रोल पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाती है तो आम जनता को करीब 38 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल मिल सकता है। अगर केंद्र सरकार पेट्रोल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाती है तो आम जनता को 40।05 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। 

पेट्रोल मिनिस्टर भी चाहते हैं पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाना
पेट्रोलियम मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रो प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत बुधवार को की थी। उन्होंने कहा था कि GST काउंसिल को पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करना चाहिए। हो सकता है जल्द ही पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमत पूरे देश में एक समान हो जाए।

कीमत कम करने के लिए राज्यों की मंजूरी जरूरी
आपको बता दें कि केंद्र पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाना चाहता था, लेकिन इस सेक्टर से राजस्व का बड़ा हिस्सा हासिल करने वाले राज्यों ने इस कदम का समर्थन नहीं किया था। अगर राज्यों ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी तो यह इन पेट्रो प्रॉडक्ट्स पर एक समान टैक्स रेट तय करने की दिशा में अहम कदम होगा।

Created On :   15 Sept 2017 7:24 PM IST

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