इनकम टैक्स रिटर्न में 'निवेश' नहीं दिखाया तो माना जाएगा 'बेनामी संपत्ति'

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इनकम टैक्स रिटर्न में 'निवेश' नहीं दिखाया तो माना जाएगा 'बेनामी संपत्ति'
इनकम टैक्स रिटर्न में 'निवेश' नहीं दिखाया तो माना जाएगा 'बेनामी संपत्ति'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग ने अब एक नई सूची तैयार की है। इसके तहत अगर कोई व्यक्ति बैंकों में जमा राशि या निवेश राशि को अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाता है, तो इस निवेश को बेनामी संपत्ति मान लिया जाएगा। आयकर विभाग ने ऐसे मामलों की जांच बेनामी संपत्ति के नजरिए से शुरू कर दी है। साथ ही विभाग ने बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई के लिए विशेषीकृत वित्तीय लेन-देन (एसएफटी) का दायरा बढ़ा दिया है। बेनामी संपत्ति का पता लगाने के लिए 24 खास टीमें तैनात हैं।

आयकर विभाग ने ऐसे लोगों की सूची तैयार की है जिन्होंने बैंकों में जमा राशि या निवेश को आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया है। इसमें लोग और कंपनियां दोनों शामिल हैं। इन लोगों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। सबसे पहले इस बात का प्रमाण मांगा जाएगा कि इन्होंने बैंकों में जो पैसा जमा कराया और निवेश किया, वह उनका ही है। ऐसा साबित न होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

इनकम टैक्स विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर यह निवेश बेनामी संपत्ति साबित होता है, तो कार्रवाई बेनामी कानून के तहत ही की जाएगी। अब तक ऐसे मामलों को कर चोरी के मामलों के दायरे में लाकर जांच की जाती थी। नए कानून के तहत बेनामी संपत्ति रखनेवालों को 7 साल तक की कैद हो सकती है और संपत्ति के 10 प्रतिशत तक का जुर्माना भी लग सकता है। अगर कोई व्यक्ति गलत जानकारी देता है तो उसे 5 साल की कैद हो सकती है।

जानकारी के अनुसार नोटबंदी के दौरान कई लोगों ने अपने और दूसरों के बैंक खातों में मोटी रकम जमा कराई और बाद में निकाल ली। इसी तरह से निवेश भी भारी मात्रा में किया, मगर इन लोगों ने इसका उल्लेख आईटी रिटर्न में नहीं किया। इन सभी लेनदेन और ब्लैक मनी पर नकेल कसने के लिए इनकम टैक्स विभाग ने यह नई सूची तैयार की है।

Created On :   9 Dec 2017 4:57 PM IST

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