भारतीय पैसे को बचाने स्टॉक एक्सचेंज पर बड़ा फैसला, आप भी जानें

डिजिटल डेस्क। विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय स्टॉक मार्केट से जुड़े कॉट्रेक्ट और डेरीवेटिव की ट्रेडिंग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। देश के तीनों स्टॉक एक्सचेंज ने एक साथ रोक लगाते हुए कहा है कि इससे भारतीय पूंजी विदेशी बाजारों में जा रही थी। तीनों एक्सचेंजों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि विदेशी एक्सचेंजों में जिन भी डेरीवेटिव्स में ट्रेडिंग हो रही है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। ये फैसला सेबी की सलाह के बाद लिया गया। भारतीय स्टॉक बाजार से जुड़े 3 बड़े संगठनों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बीएसई और मेट्रोपोलिशन स्टॉक एक्सचेंज (एमएसईआई) का लक्ष्य भारतीय पूंजी को विदेशी बाजारों में जाने से रोकना है। देश के 3 बड़े स्टॉक एक्सचेंजों ने मिलकर इस पर रोक लगाने का फैसला लिया। उनका कहना है कि इससे भारतीय पूंजी विदेशी बाजारों में जा रही थी। विदेशी स्टॉक एक्सचेंज में जिन भी डेरीवेटिव्स में व्यापार हो रहा है, उन पर रोक लगाई जा रही है। ये रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी।
क्यों उठाया गया ये कदम?
सिंगापुर एक्सचेंज जल्द ही एनएसई के 50 स्टॉक में से सभी में सिंगल स्टॉक फ्यूचर शुरू करने जा रहा था। माना जा रहा है कि इसी को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।आशंका थी कि इससे भारतीय पैसा देश के बाहर जा सकता है। तीनों एक्सचेंजों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि विदेशी एक्सचेंजों में जिन भी डेरीवेटिव्स में ट्रेडिंग हो रही है, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। इसमें कहा गया है कि ये नोटिस के बाद उतने दिनों का समय मिलेगा, जो लाइसेंस एग्रीमेंट के तय होगा। इस फैसले के बाद अब देश के स्टॉक एक्सचेंज सिंगापुर से चलने वाले एसजीएक्स निफ्टी के लिए डाटा नहीं दे सकेंगे।
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विदेशी एक्सचेंजों में हो रहा था ज्यादा कारोबार
ऐसा देखा गया है कि विदेशी एक्सचेंजों में डेरीवेटिव्स में काफी ज्यादा कारोबार हो रहा था। कई बार तो इनका आकार प्रपोसिनिएट में भारतीय कारोबार से भी बड़ा हो जाता था, जिससे भारतीय पूंजी ज्यादा बाहर जाने लगी थी। इन तीनों एक्सचेंजों की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ऐसा भारतीय बाजारों के लिए अच्छा नहीं था।
बाजार बंद होने के बाद आया आदेश
भारतीय शेयर बाजारों में कारोबार खत्म होने के बाद यह फैसला लागू किया गया। हालांकि इसमें SGX का जिक्र नहीं किया गया है। बयान में कहा गया है कि लाइसेंसिंग एग्रीमेंट के तहत एक माह का समय दिया जाएगा और इस दौरान ग्रांडफादरिंग का लाभ मिलेगा।
Created On :   10 Feb 2018 11:01 AM IST