इस ऐप के जरिए शिवराज सरकार बेच रही कड़कनाथ चिकन

Kadaknath app launched by mp government
इस ऐप के जरिए शिवराज सरकार बेच रही कड़कनाथ चिकन
इस ऐप के जरिए शिवराज सरकार बेच रही कड़कनाथ चिकन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। लाजवाब स्वाद के लिए जाने जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे के शौकीनों के लिए अच्छी ख़बर है। कड़कनाथ की मांग को देखते हुये मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने "MP KADAKNATH" मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस एप के जरिए शिवराज सरकार नॉन वेज के शौकीनों ये मुर्गा उपलब्ध कराएगी। इतना ही नहीं सहकारी समितियों में कड़कनाथ की तादाद की जानकारी भी ऐप पर मौजूद रहेगी। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

सहकारिता मंत्री ने किया ऐप लॉन्च
मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को राजधानी भोपाल में कड़कनाथ ऐप की लॉन्चिंग की। यह ऐप फिलहाल एन्ड्रॉइड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया गया है। इस एप की मदद से देश में कहीं भी कड़कनाथ मुर्गा मंगाया जा सकेगा। लॉन्चिंग के मौके पर मंत्री सारंग ने कहा कि "किसानों की सहकारी समितियों में कड़कनाथ कितनी तादाद में मौजूद है इसकी भी जानकारी ऐप पर होगी। कड़कनाथ की सबसे खास बात इसकी पौष्टिकता औऱ स्वाद है। यदि आप पौष्टिक तत्व की तुलना करें तो कड़कनाथ में 25-27 फीसदी प्रोटीन होता है। आम चिकन में यह 18 से 20 फीसदी होता है। वहीं दूसरे चिकन की तुलना में इसमे फेट भी कम होता है।"

सारंग ने कहा कि उपभोक्ता और व्यापारी एप के माध्यम से समितियों तक पहुँच सकते हैं। एप द्वारा समितियों को एक ऐसा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया जा रहा है, जो उन्हें आधुनिक बाजार की सुविधा देगा। एप में उपलब्ध मेन्यु में सीधे क्लिक करने पर समिति का ई-मेल, फोन और उत्पादन की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। माँग और पूछताछ का ऑप्शन भी दिया गया है। सबमिट बटन पर क्लिक करने से सीधे संस्था को ई-मेल करने की सुविधा है। सारंग ने कहा कि कड़कनाथ प्रजाति का मुर्गा अन्य प्रजातियों के मुर्गों से बेहतर होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक और फेट की मात्रा न के बराबर पायी जाती है। उन्होंने बताया कि विटामिन-बी-1, बी-2, बी-6, बी-12, सी, ई, नियासिन, केल्शियम, फास्फोरस और हीमोग्लोबिन से भरपूर होता है। 

 



गूगल प्ले स्टोर से करे ऐप डाउनलोड
गूगल प्ले स्टोर में जाकर आप MP KADAKNATH एप को डाउनलोड कर सकते है। जब आप इस ऐप को ओपन करेंगे तो इसमे कड़कनाथ की विशेषताओं के बारे में आपको जानकारी दी जाएगी। इसमे लिखा है "मध्यप्रदेश में कड़कनाथ नामक दुर्लभ मुर्गा प्रजाति पाई जाती है जिसका रक्त, हड्डियां व संपूरण शरीर काला होता है। ये अन्य मुर्गा प्रजातियों से अधिक पौष्टिक, स्वास्थय वर्धक तथा औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है। एप पर तुलनात्मक पौष्टिक तत्व की मात्रा भी दी गई है। इसके अलावा इसके औषधीय गुण भी बताए गए है। 


जीआई टैग को लेकर MP-CG आमने-सामने
काले रंग का कड़कनाथ मुर्गा एमपी के झाबुआ और अलीराजपुर ज़िलों में पाया जाता है। इसकी प्रजाती को लेकर कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद भी गहराया था। इस प्रजाति के मुर्गे के जीआई टैग को लेकर दोनों ही राज्यों ने अपना-अपना दावा पेश किया है। चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय में दोनों राज्यो की ओर से ये दावा पेश किया गया है। मध्य प्रदेश का दावा है कि कड़कनाथ मुर्गे की उत्पत्ति प्रदेश के झाबुआ ज़िले में हुई है, जबकि छत्तीसगढ़ का कहना है कि कड़कनाथ को प्रदेश के दंतेवाडा ज़िले में अनोखे तरीके से पाला जाता है और यहां उसका संरक्षण और प्राकृतिक प्रजनन होता है। इस मामले को लेकर मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री अंतर सिंह आर्य ने कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि कड़कनाथ का पेटेंट मध्यप्रदेश को मिल चुका है।

 

Image result for kadaknath



ये है जीआई टैग का मतलब
"जियोग्राफ़िकल इंडिकेशंस टैग" यानी भौगोलिक संकेतक का मतलब ये है कि अधिकृत उपयोगकर्ता के अलावा कोई भी व्यक्ति, संस्था या सरकार इस उत्पाद के मशहूर नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती। वर्ल्ड इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइज़ेशन के अनुसार जियोग्राफ़िकल इंडिकेशन ये बताता है कि वह उत्पाद एक ख़ास क्षेत्र से ताल्लुक़ रखता है और उसकी विशेषताएं क्या हैं। साथ ही उत्पाद का आरंभिक स्रोत भी जियोग्राफ़िकल इंडिकेशन से तय होता है।

Created On :   28 March 2018 6:20 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story