लैब जांच में फि‍र 'फेल' हुए मैगी के सैंपल, 62 लाख जुर्माना

maggi samples fail in lab investigation fines 62 lakh rupees
लैब जांच में फि‍र 'फेल' हुए मैगी के सैंपल, 62 लाख जुर्माना
लैब जांच में फि‍र 'फेल' हुए मैगी के सैंपल, 62 लाख जुर्माना

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। नाश्ते में सबसे जल्दी बनने वाली मैगी का नाम एक बार फिर विवादों में उबल रहा है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में अडिशनल डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने कंज्यूमर गुड्स कंपनी नेस्ले और इसके डिस्ट्रिब्यूटर्स पर 62 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कुल जुर्माने में से 45 लाख नेस्ले इंडिया को देना होगा। 15 लाख डिस्ट्रिब्यूटर्स और 2-2 लाख रुपये जुर्माना बिक्रेता पर भी लगाया गया है। मैगी नूडल्स के सैंपल में ऐश कॉन्टेंट मानक से अधिक पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई। इस बीच, नेस्ले इंडिया ने कहा कि "यह त्रुटिपूर्ण मानकों को प्रयोग में लाने का मामला है"।

जिले के अधिकारियों के मुताबिक, प्रशासन ने पिछले साल नवंबर में नमूने इकट्ठा किए थे और उन्हें लैब जांच के लिए भेज दिया था। जांच में पाया गया कि मैगी के उन नमूनों में इंसान की खपत के लिए तय सीमा से अधिक मात्रा में राख थी। 2015 में 7 सैंपल लेकर लखनऊ लैब में जांच के लिए भेजे गए थे और 2016 में इसकी रिपोर्ट आने के बाद एडीएम कोर्ट में 7 केस दर्ज किए गए थे।

गौरतलब है कि 2015 में लेड की मात्रा अधिक पाए जाने के बाद काफी विवाद हुआ था और मैगी को देशभर में 5 महीने के लिए बैन कर दिया गया था। नेस्ले ने कहा है कि जिन सैंपल को टेस्ट किया गया है वो 2015 के हैं। उनमें एश कंटेट (धातु भस्म) की मात्रा निर्धारित मानक से कई गुना अधिक गई थी। अभी कंपनी को जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, जैसे ही यह मिलेगी उस पर तुरंत अपील दायर की जाएगी। कंपनी ने आगे कहा कि मैगी 100 फीसदी खाने के लिए सुरक्षित है।

उल्लेखनीय है कि गत 30 मई 2015 को निगोही में रवि किशोर के प्रतिष्ठान बालाजी ट्रेडर्स के यहां भी छापा मारकर मैगी का नमूना भरा गया था। खाद्य सुरक्षा विभाग ने इन नमूनों को जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला में भेजा था। परीक्षण के दौरान सातों नमूनों में मिलावट होने की पुष्टि की गई। इसके बाद एडीएम प्रशासन की अदालत में राजकीय प्रयोगशाला की रिपोर्ट सहित वाद दायर किए गए।

Created On :   29 Nov 2017 11:17 PM IST

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