जनता की जेब काट मोदी सरकार ने कमाए 2.67 लाख करोड़ रुपए

जनता की जेब काट मोदी सरकार ने कमाए 2.67 लाख करोड़ रुपए
जनता की जेब काट मोदी सरकार ने कमाए 2.67 लाख करोड़ रुपए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बीते 16 जून के बाद पेट्रोल के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस वित्तीय वर्ष में कई बार अप्रत्यक्ष टैक्स में की गई बढ़ोतरी से पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है। इसकी वजह से आम जनता पैसों की मार झेल रही है। वहीं सरकार माला माल होती जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में लगभग 2.67 लाख करोड़ रुपए की रकम सरकार की जेब में गई है।

मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने जब RTI के तहत डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिस्टम एंड डाटा मैनेजमेंट (डीजीएसडीएम) विभाग से पूछा था कि साल 2012-13 से लेकर 2016-17 तक पेट्रोलियम उत्पादों से सरकार को कितने आय की प्राप्त हुई। इस पर विभाग ने बताया कि, वर्ष 2012-13 में राजस्व की प्राप्ति 98,602 करोड़ रुपये ही थी, वहीं वर्ष 2016-17 में 2 लाख 67 करोड़ रुपये की आय हुई है।

राजस्व विभाग के आकड़ें के मुताबिक पहले पेट्रोल से मिलने वाली आय अधिक थी और डीजल की आय कम थी। आकड़ों के मुताबिक वर्ष 2012-13 में पेट्रोल से 23,710 करोड़ रुपये और डीजल 22,513 से करोड़ रुपये आय के रूप में प्राप्त होते थे। लेकिन साल 2016-17 में पेट्रोल से 66,318 करोड़ रुपये वहीं डीजल से 1,24,266 करोड़ रुपये के आय की प्राप्ति हुई। 

पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी में लाना चाहिए
जीएसटी का जिक्र करते हुए गौड़ का कहना है कि सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी में अंतर्गत लाना चाहिए, इसके साथ एक ऐसा मैकेनिज्म विकसित करना चाहिए कि जब पेट्रोलियम उत्पादों के दाम एक सीमा से ऊपर जाने लगे तो कर की दरों में स्वत: कमी आने लगे। इससे आम आदमी पर ज्यदा भार नहीं पड़ेगा।
 

Created On :   24 Sep 2017 10:13 AM GMT

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