बिहार में मानसून मेहरबान, खेतों में उतरे किसान

Monsoon clement in Bihar, farmers landed in fields
बिहार में मानसून मेहरबान, खेतों में उतरे किसान
बिहार में मानसून मेहरबान, खेतों में उतरे किसान

पटना, 19 जून (आईएएनएस)। बिहार में कई वषों के बाद मानसून के समय से आने और झमाझम बारिश होने के बाद जहां किसान प्रसन्न होकर खेतों में उतर गए हैं, वहीं इस बार वे अपनी उपज को लेकर भी आशान्वित हैं। मौसम से प्रसन्न किसानों का कहना है कि अभी आद्र्रा नक्षत्र आने में देर है लेकिन कई क्षेत्रों के खेतों में बिचड़ा डाल दिया गया है। यही स्थिति रही तो धान की खेती भी बंपर होगी।

बिहार कृषि विभाग के एक अधिकारी की मानें तो राज्य के सभी क्षेत्रों में मानूसन की अच्छी बारिश हो रही है। अभी आद्र्रा नक्षत्र शुरू होने में पांच-छह दिनों की देर है लेकिन राज्य में करीब 20 से 25 प्रतिशत बिचड़े खेतों में डाल दिए गए हैं।

किसानों का कहना है कि बिचड़ा डालने का सही वक्त रोहिणी नक्षत्र ही होता है, जिसमें राज्य में बिचड़ा डालने का काम हो रहा है। इसके बाद आद्र्रा नक्षत्र में रोपनी के बाद धान की पैदावार अच्छी होती है।

विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस साल 3़30 लाख हेक्टेयर में बिचड़ा डाले जाने की संभावना है। विभाग का कहना है कि अभी तक राज्य में सामान्य से बारिश अधिक हुई है।

मौसम विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान 9.7 मिलीमीटर, गया में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी इलाकों में बारिश हो रही है।

बिहार के कृषि मंत्री डॉ़ प्रेम कुमार कहते हैं, वषों बाद इस साल 15 जून को राज्य में मानसून की वर्षा हुई है। यह किसानों के लिए खुशी की बात है। इस वर्ष प्री मानसून की भी अच्छी वर्षा हुई है, जिससे किसानों को धान का बिचड़ा लगाने व मक्का की खेती करने में सहूलियत हुई है।

उन्होंने बताया कि राज्य के सभी इलाकों में खेतों में बिचड़ा डालने का काम प्रारंभ है। राज्य के शिवहर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण सहित कई जिलों में यह काम 60 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है।

उल्लेखनीय है कि इस साल 13 जून को ही मानसून ने पूर्णिया से राज्य में प्रवेश किया और 16 जून तक इसने लगभग पूरे बिहार को कवर कर लिया। इस बार मानसून की अच्छी बारिश होने की संभावना है।

मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो 2008 में मानसून ने बिहार में नौ जून को दस्तक दी थी। इसके बाद अब तक वह कभी समय पर नहीं आया। वर्ष 2013 में तो सामान्य से 30 प्रतिशत तक कम बारिश हुई थी जबकि वर्ष 2018 में 25 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी।

Created On :   19 Jun 2020 8:00 AM GMT

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