मप्र गेहूं खरीदी के मामले में देश में दूसरे स्थान पर
भोपाल, 17 मई (आईएएनएस)। कोरोना महामारी के बीच मध्य प्रदेश में किसानों के गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी का दौर जारी है। राज्य में अब तक साढ़े 12 लाख से अधिक किसानों से 87 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जो देश में पंजाब के बाद दूसरे क्रम पर है।
राज्य में इस बार गेहूं की बम्पर पैदावार हुई है और अधिक आवक को देखते गेहूं खरीदी का लक्ष्य 100 लाख मीट्रिक टन से अधिक रखा गया है। इसके चलते राज्य में लगभग 100 लाख 10 हजार मीट्रिक टन के उपार्जन की व्यवस्था की जा रही है। अब तक एक माह की अवधि में 12 लाख 61 हजार 764 किसानों से 87 लाख 43 हजार 214 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है, जिसमें से 72 लाख 80 हजार मीट्रिक टन की मात्रा का परिवहन एवं भण्डारण कराया जा चुका है। साथ ही 10 लाख किसानों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को गेहूं खरीदी की समीक्षा की। इस दौरान बताया गया कि समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। पहले स्थान पर पंजाब में इस वर्ष एक करोड़ 21 लाख 64 हजार 157 मीट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई है। वहीं उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है, जहां अभी तक इस वर्ष 14 लाख 79 हजार 51 मीट्रिक टन समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जित हुआ है।
खाद्य-नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला के अनुसार, अन्य राज्य मध्य प्रदेश से काफी पीछे है। अन्य राज्यों में राजस्थान में 6 लाख 49 हजार 440 मीट्रिक टन, उत्तराखण्ड में 25 हजार 689 मीट्रिक टन, चंडीगढ़ में 10 हजार 953 मीट्रिक टन, दिल्ली में 18 मीट्रिक टन, गुजरात में 14 हजार 610 मीट्रिक टन, हिमाचल प्रदेश में 2457 मीट्रिक टन तथा जम्मू-कश्मीर में 11 हजार मीट्रिक टन गेहूं का अभी तक उपार्जन किया गया है।
आधिकारिक ब्यौरे के अनुसार राज्य के नौ वर्षो की गेहूं खरीदी पर गौर करें तो पता चलता है कि प्रदेश में वर्ष 2013-14 में 63 लाख 53 हजार मीट्रिक टन, वर्ष 2014-15 में 72 लाख एक हजार मीट्रिक टन, वर्ष 2015-16 में 73 लाख 10 हजार मीट्रिक टन, वर्ष 2016-17 में 39 लाख 91 हजार मीट्रिक टन, वर्ष 2017-18 में 67 लाख 25 हजार मीट्रिक टन, वर्ष 2018-19 में 73 लाख 16 हजार मीट्रिक टन तथा वर्ष 2019-20 में 73 लाख 69 हजार मीट्रिक टन गेहूं का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि इन वर्षो में उक्त कार्य पूरी उपार्जन अवधि लगभग 50 दिन में किया गया था, जबकि इस वर्ष खरीदी प्रारंभ होने के एक महीने की अवधि में ही इससे अधिक गेहूं का उपार्जन किया गया है। संभावना है कि इस बार खरीदी के लक्ष्य को आसानी से हासिल किया जा सकेगा।
Created On :   17 May 2020 7:00 PM IST