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गेहूं का एमएसपी बढ़कर 1925 रुपये प्रति कुंटल, चना का 4,875 रुपये

हाईलाइट
- गेहूं का एमएसपी बढ़कर 1925 रुपये प्रति कुंटल, चना का 4,875 रुपये (लीड-1)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने आगामी रबी सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बुधवार को वृद्धि का ऐलान कर किसानों को दिवाली की सौगात दी। सरकार ने गेहूं का एमएसपी 85 रुपये बढ़ाकर 1,925 रुपये प्रति कुंटल कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में बाजार में आने वाली फसली वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) की रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई।
सरकार ने छह अनुसूचित रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, जिसके अनुसार गेहूं और जौ का एमएसपी 85 रुपये बढ़ाकर क्रमश: 1,925 रुपये और 1,525 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है। वहीं, चना का एमएसपी पिछले साल से 255 रुपये बढ़ाकर 4,875 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है। मसूर का एमएसपी आगामी रबी विपणन वर्ष के लिए 325 रुपये बढ़ाकर 4,800 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है। रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों का एमएसपी 225 रुपये बढ़ाकर 4,425 रुपये प्रति कुंटल कर दिया गया है। वहीं, कुसुम का एमएसपी 270 रुपये की वृद्धि के साथ 5,215 रुपये प्रति कुंटल हो गया है।
मंत्रिमंडल में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि गेहूं की फसल की लागत के मुकाबले 109 फीसदी प्रतिफल प्रदान किया गया है। इसी प्रकार जौ, चना मसूर, सरसों और कुसुम की फसलों की लागत के मुकाबले क्रमश: 66 फीसदी, 74 फीसदी, 76 फीसदी, 90 फीसदी और 50 फीसदी प्रतिफल प्रदान किया गया है।
इन फसलों की लागत के तहत श्रमिकों की लागत, बैल या मशीन की श्रम लागत, जमीन के पट्टे का किराया के साथ-साथ बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई, कृषि उपकरणों की घिसावट, कार्यशील पूंजी, पंप सेट के लिए डीजल व बिजली पर होने वाले खर्च समेत अन्य अन्य खर्च शामिल हैं।
सरकार के आकलन के मुताबिक आगामी रबी सीजन में गेहूं की उत्पादन लागत 923 रुपये प्रति कुंटल आकी गई है। इसी प्रकार जौ की उत्पादन लागत 919 रुपये, चना की 2,801 रुपये, मसूर की 2,727 रुपये, सरसों की 2,323 रुपये और कुसुम की 3,470 रुपये प्रति कुंटल आकी गई है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की सिफारिश किए जाने के बाद काफी समय से इसकी घोषणा का इंतजार किया जा रहा था।
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