छोटे भाई अनिल की डूबती नैया को पार लगाएंगे मुकेश अंबानी

- अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस आरकॉम पर वर्तमान में 45
- 000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है।
- सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से आरकॉम के शेयर में 14.96% फीसदी का उछाल देखा गया है।
- सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी की जियो और अनिल अंबानी की आरकॉम के बीच होने वाली डील को अपनी मंजूरी दे दी है।
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कभी देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रही रिलायंस आरकॉम (Rcom) अब दिवालिया होने की कगार पर आ खड़ी है। यह कंपनी अनिल अंबानी की है। इस कंपनी पर वर्तमान में 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की डूबती नैया को पार लगाने के लिए मुकेश अंबानी का ही एक सहारा बचा है।
सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी की जियो और अनिल अंबानी की Rcom के बीच होने वाली डील को अपनी मंजूरी दे दी है। मगर इससे पहले अनिल की कंपनी को तय सीमा के भीतर एरिक्सन कंपनी को सेटलमेंट की रकम चुकानी होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से Rcom के शेयर में 14.96% फीसदी का उछाल देखा गया है।
बता दें कि कर्ज में डूबी Rcom ने स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क सहित अन्य मोबाइल बिजनेस एसेट्स जियो को बेचने का फैसला किया था। इस फैसले के खिलाफ एरिक्सन ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में अपील दायर कर इस सौदे का विरोध किया था। एरिक्सन ने Rcom को दीवालिया घोषित कर उसे इन्सॉल्वेंसी में भेजने की मांग की थी। NCLT की ओर से जियो और Rcom की डील पर रोक लगाए जाने के बाद Rcom ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहां से अब अनिल अंबानी को एक बड़ी राहत मिली है।
गौरतलब है कि स्वीडन की कंपनी एरिक्सन ने 2014 में Rcom के साथ 7 साल के लिए डील की थी। इस डील के तहत देशभर में टॉवर को मेंटीनेंस करना था। एरिक्सन का Rcom पर करीब 978 करोड़ रुपए बकाया था, जो घटते रेवेन्यू के चलते अब बढ़कर 1,600 करोड़ रुपए हो गया है। Rcom पर एरिक्सन के अलावा अन्य देनदार का कुल 46000 करोड़ का कर्ज है। कर्ज कम करने के लिए Rcom ने स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क सहित अन्य मोबाइल बिजनेस एसेट्स जियो को बेचने का फैसला किया था।
Created On :   5 Aug 2018 12:42 AM IST