डिफॉल्टर उद्योगपतियों का लोन माफ करना महज अफवाह : अरुण जेटली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने एक ब्लॉग के जरिए उन अफवाहों को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा था कि केन्द्र सरकार ने डिफॉल्टर उद्योगपतियों के लोन को माफ कर दिया है। मंगलवार को अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा, "सरकार पर यह आरोप लगाना सरासर गलत है कि डिफॉल्टर उद्योगपतियों के कर्ज को माफ किया जा रहा है। यह महज एक अफवाह है। सरकार ने किसी भी पूंजीपति के लोन का माफ नहीं किया है।"
जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा है, "कुछ अफवाहें चल रही है। इनमें कहा जा रहा है कि बैंकों ने पूंजीपतियों के लोन को माफ किया है। मैने आंकड़ों की जांच की तो पता चला है कि जितने भी बड़े लोन एनपीए हुए हैं वह 2008 से 2012 के बीच बांटे गए थे।" उन्होंने लिखा, "जनता के सामने सच सामने आना जरूरी है। अफवाह फैलाने वालों से पूछना चाहिए कि 2008 से 2014 के बीच किसके कहने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा कर्ज बांटे गए थे जो आज एनपीए में बदल चुके हैं।"
जेटली ने यह भी लिखा कि 2015 में केन्द्र सरकार में आसेट क्लॉलिटी रिव्यु (AQR) कराया गया। इसमें पता चला कि 4,54,466 करोड़ रुपए का लोन ऐसा था, जिसे एनपीए घोषित किया जाना चाहिए था। इसे AQR के तहत सख्त रिव्यु में पकड़ा गया। उन्होंने यह भी लिखा कि जो भी बड़े एनपीए किए गए हैं। सरकार ने उन्हें इनसॉल्वेंसी के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल भेजा है, जहां जल्द ही इनका समाधान किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसकी शुरुआत 12 बड़े एनपीए खाता धारकों पर कार्रवाई से शुरू हो गई है। इन पर करीब 1.75 लाख करोड़ रुपए का एनपीए कर्ज है।
वित्त मंत्री ने आगे लिखा कि देश में रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पूंजी लगाने का "बड़ा फैसला" लिया है। इसके तहत 2 वित्तीय वर्षों में 2.11 लाख करोड़ रुपए इसमें डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि एनपीए की वजह से कमजोर हुए बैंकों को इस पूंजी से ताकत मिलेगी।
Created On :   28 Nov 2017 6:51 PM IST