अब तक 874 दवाएं सस्ती, कैंसर और दिल का इलाज हुआ सस्ता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल फॉर्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने देशभर में 51 जरूरी दवाओं समेत अब तक 874 दवाओं के दाम कम कर दिए हैं। इस खबर के बाद से अब कैंसर और दिल के मरीजों को काफी हद तक राहत मिलेगी, क्योंकि इन दवाओं में अधिकतर दिल और कैंसर बीमारियों की ही हैं। बता दें कि NPPA समय-समय पर दवाओं का मैक्सिमम प्राइज तय करती है, जिससे मरीजों को महंगी दवाओं से छुटकारा मिल सके।
जानकारी के अनुसार NPPA ने मरीजों को राहत देते हुए ने 874 में से 51 जरूरी दवाओं के रेट 53 फीसदी तक कम कर दिए हैं। इनमें कैंसर, दर्द, हॉर्ट डिजीज और स्किन की बीमारी की दवाएं शामिल हैं। NPPA के इस फैसले के बाद से दिल की बीमारी और कैंसर का इलाज करवाना अब और भी सस्ता हो जाएगा। बता दें कि NPPA ने नेशनल लिस्ट ऑफ इसेंन्शियल मेडिसिन 2015 के तहत अब तक 874 दवाओं के रेट घटाए हैं। सितंबर तक 821 दवाओं के रेट NPPA ने तय किए थे।
तय कीमत से ज्यादा नहीं ले सकते
NPPA ने कहा है, "मैन्युफैक्चरर्स तय कीमत से ज्यादा नहीं ले सकते हैं। अगर कंपनियां सीलिंग प्राइस और रूल्स का पालन नहीं करती हैं तो उन्हें वसूली गई एक्स्ट्रा कीमत ब्याज समेत जमा करानी पड़ेगी। कंपनियों को इन दवाओं की कीमतों में साल में 10% तक की ही बढ़ोतरी करने की इजाजत होगी।"
ये दवाएं हुईं सस्ती
जिन दवाओं के दाम कम किए गए हैं, उनमें मुख्य तौर पर कोलोन या रेक्टल कैंसर में काम आने वाला ओक्साप्लैटिन (इंजेक्शन 100 ग्राम), जापानी इंसेफेलेटाइटिस वैक्सीन, मीसल्स में काम आने वाली रूबेला वैक्सीन, अनेस्थेसिया में काम आने वाली अनेस्थेटिक सेवोफ्लूरेंस, फाइटोमेनाडिओन और टीवी की रोकथाम में काम आने वाली बीसीजी वैक्सीन शामिल हैं। वहीं, मलेरिया में काम आने वाली क्लोरोक्वीन, बैक्टीरियल इनफेक्शन में काम आने वाली कोफ्रियॉक्सिन, दर्द में काम आने वाली मॉर्फिन, ग्लूकोज इंजेक्शन और हार्ट डिजीज में काम आने वाली फ्यूरोसेमाइड भी शामिल हैं।
अब तक 874 दवाओं के दाम कम हुए
NPPA ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा, "ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) अमेंडमेंट ऑर्डर-2013 के तहत 53 दवाओं की कीमतें 6 से 53 फीसदी तक घटाई गई हैं। इनमें 13 फॉर्म्युलेशन का मैक्सिमम प्राइज तय किया गया है, जबकि 15 फॉर्म्युलेशन के मैक्सिमम प्राइज को रिवाइज्ड किया गया है। वहीं, 23 जरूरी फॉर्म्युलेशन की रिटेल प्राइस को भी नोटिफाइड किया गया है।"
गौरतलब है कि NPPA ड्रग्स (प्राइस कंट्रोल) ऑर्डर-2013 के तहत शेड्यूल-1 में आने वाली जरूरी दवाओं की कीमत तय करता है। सरकार जरूरत के हिसाब से जरूरी दवाओं की लिस्ट तैयार करती है, जिसमें समय-समय पर नई दवाओं को शामिल किया जाता है। लिस्ट को नेशनल लिस्ट ऑफ एसेन्शियल मेडिसिन (एनएलईएम) कहा जाता है।
Created On :   24 Nov 2017 10:38 PM IST