ओपेक देश अभी जारी रखेंगे उत्पादन में कटौती, महंगा होगा डीजल-पेट्रोल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (ओपेक) ने गुरुवार को हुई एक मीटिंग में तेल उत्पादन में कटौती को जारी रखने का फैसला लिया है।ये कटौती फिलहाल 2018 के आखिर तक जारी रहेगी। ओपेक देश के इस फैसले से भारत के साथ अन्य देशों में पट्रोल-डीजल महंगा होने के आसार हैं। ओपेक देशों का इस कदम का उद्देश्य लगातार गिर रही क्रूड ऑइल की कीमतों को रोकना है। इसका सीधा मतलब यह है कि क्रूड ऑइल की कीमतें आने वाले समय में लगातार बढ़ सकती हैं। भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर इसका असर देखने को मिल सकता है। साथ ही कई और विकासशील देशों पर इसका असर दखेगा। इस फैसले से भारत को खासा झटका लगा हैं, क्योंकि पहले ही भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा हैं और अब 2018 तक इसका बोझ झेलना पड़ेगा।
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ओपेक के विएना स्थित हेडक्वॉर्टर में हुई इस मीटिंग में कई घंटों चली इस मीटिंग के बाद इस बात पर सहमति बनी कि फिलाहल उत्पादन में कटौती को जारी रहेगी। हालांकि इस बैठक में इस बात पर अभी तक सहमति नहीं बनी है कि लीबिया के ऑइल आउटपुट को कंट्रोल करने के लिए प्रॉडक्शन कट की जरूरत है या नहीं। 14 सदस्यीय ओपेक नॉन-ओपेक मेंबर देशों के साथ संयुक्त रूप से प्रॉडक्शन कट को लेकर आगे भी बैठकें करेगा। जिसमें लिबिया पर फैसला लिया जाएगा साथ ही।
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इन बैकों में नॉन ओपेक देशों का नेतृत्व रूस करेगा। रूस ने इसी साल ओपेक देशों के साथ मिलकर प्रॉडक्शन कट किया था। वो खराब दौर से गुजर रहे अंतरराष्ट्रीय क्रूड ऑइल मार्केट को घाटे से उबारने के लिए लगातार प्रॉडक्शन कट की वकालत कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑइल की कीमत प्रति बैरल 60 डॉलर से ज्यादा हो चुकी है। प्रॉडक्शन कट करने की डील में अमेरिका शामिल नहीं है।
Created On :   1 Dec 2017 1:22 PM IST