डोकलाम विवाद का असर: OPPO, VIVO के 400 चीनी कर्मचारियों ने भारत छोड़ा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। डोकलाम विवाद का असर सरहद के साथ-साथ भारत-चीन के बीच होने वाले व्यापार पर भी पड़ रहा है। इसकी वजह से ओप्पो और वीवो में काम कर रहे चार सौ से ज्यादा चीनी कर्मचारी वापस वतन लौट गए हैं। ओप्पो और वीवो के कारोबार में इस साल जुलाई और अगस्त महीने में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
चीनी मोबाइल कंपनियों की बिक्री में 30 फीसदी की गिरावट
डोकलाम विवाद के कारण पिछले दो महीनों में ओप्पो और वीवो कंपनियों की सेल्स में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। दोनों कंपनियों का भारत के स्मार्टफोन मार्केट में 22 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके मुकाबले सेल्स में 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। ओप्पो, वीवो जैसी बड़ी मोबाइल कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान उत्तरप्रदेश, छतीसगढ़, ओड़िसा जैसे राज्यों में उठाना पड़ा है। इन राज्यों में ओप्पो और वीवो के मोबाइल फोन बेचने वाले रिटेल स्टोर्स पर भी लोगों ने तोड़फोड़ मचाई।
हाई प्रोफाइल नागरिक को वापस बुलाया
ओप्पो ने विवाद और सेल्स गिरने के बाद अपने सबसे हाई प्रोफाइल अधिकारी विवेक झांग को भी वापस बुला लिया है। विवेक ने हाल ही में कंपनी की आईपीएल में स्पॉन्सरशिप डील कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बाजार पर कब्जा जमाने की होड़
बाजार पर नजर रखने वाली संस्था सीएमआर की हालिया रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि मौजूदा वक़्त में भारत स्मार्टफोन का बड़ा बाजार है। कारोबार को लेकर पहले भारत और चीनी कंपनियों के बीच टक्कर होती थी। लेकिन पिछले कुछ वक्त से भारत के स्मार्टफोन बाजार पर कब्जा जमाने के लिए चीनी कंपनियों के बीच ही खींचतान मची हुई है।
ये कहती है सीएमआर की रिपोर्ट
सीएमआर की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से जून के मध्य इस साल की पहली तिमाही में सैमसंग के बाद श्याओमी 16.2 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर था। वहीं वीवो 13 फीसदी के साथ तीसरे पायदान पर जमा हुआ है। 9.2 फीसदी मार्केट शेयर के साथ ओप्पो चौथे नंबर पर है।
ओप्पो की सफाई
इस बीच ओप्पो ने एक आधिकारिक बयान जारी कर सफाई दी है। ओप्पो की मानें तो साल 2017 के उनके कारोबार के लिहाज से अच्छा रहा है।
Created On :   28 Aug 2017 6:12 PM IST