भारत और ताइवान के बीच व्यापारिक समझौते पर औपचारिक वार्ता की संभावना

Possibility of formal negotiations on trade agreement between India and Taiwan
भारत और ताइवान के बीच व्यापारिक समझौते पर औपचारिक वार्ता की संभावना
भारत और ताइवान के बीच व्यापारिक समझौते पर औपचारिक वार्ता की संभावना
हाईलाइट
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नई दिल्ली/ताइपे, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। ताइवान की कंपनियों के लिए प्रोत्साहन (इंसेंटिव) को मंजूरी देने के बाद, सरकार को अब त्सई इंग-वेन प्रशासन के साथ एक व्यापारिक समझौते पर औपचारिक बातचीत होने की उम्मीद है।

यह कदम भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि अधिकांश देश औपचारिक रूप से ताइवान को मान्यता नहीं देते हैं। इसका कारण बीजिंग का एक चीन सिद्धांत (वन चाइना प्रिंसिपल) है, क्योंकि वह ताइवान को अपना एक अभिन्न मानता है।

पिछले छह महीनों के दौरान लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता ने इस क्षेत्र में अपनी विदेश नीति और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के शासन के प्रति ²ष्टिकोण की समीक्षा के लिए नई दिल्ली को एक प्रकार से मजबूर किया है।

सीसीपी ताइवान पर आक्रमण करने की धमकी देती रही है, लेकिन राष्ट्रपति त्सई इंग-वेन ने हाल ही में इस तरह के किसी भी कदम के खिलाफ चेतावनी दी है। संयोग से, इस महीने की शुरूआत में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस समारोह पर, त्सई ने घोषणा की थी कि ताइपे लोकतंत्र के खिलाफ चीनी आक्रामकता के सामने एक नया क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आदेश स्थापित करने में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

त्सई का यह बयान टोक्यो में जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और भारत के विदेश मंत्रालय के स्तर की बैठक के कुछ दिनों बाद आया, जहां अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने भारत, ताइवान और दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्य कदमों को खारिज कर दिया था। क्वाड (चार देशों का समूह) चीन की आपूर्ति श्रृंखला को कमजोर करने और उत्पादों पर निर्भरता पर खत्म करने के लिए वैश्विक चर्चा कर रहा है।

इस महीने की शुरूआत में मोदी सरकार ने अगले पांच वर्षों में घरेलू स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ताइवान के तीन प्रमुख भागीदारों - फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप, विस्ट्रॉन कॉर्प और पेगाट्रॉन कॉर्प सहित 16 कंपनियों के लिए 6.65 अरब डॉलर के प्रोत्साहन को मंजूरी दी। संयोग से एप्पल ने पिछले महीने भारत में अपना ऑनलाइन स्टोर लॉन्च किया।

हालांकि पिछले तीन वर्षों में, विस्ट्रॉन और फॉक्सकॉन ने भारत में कुछ आईफोन मॉडल को असेंबल करना शुरू किया, लेकिन सूत्रों ने कहा कि अब उन्हें दिया जाने वाला प्रोत्साहन पूरी गतिशीलता को बदल देगा। कुल मिलाकर 16 कंपनियां भारतीयों के लिए 200,000 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। भारत में निर्मित लगभग 60 प्रतिशत उत्पादों का निर्यात किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि तीनों ताइवानी कंपनियों को प्रोत्साहन ने सरकार को ताइवान की सरकार के साथ एक व्यापार समझौते के बारे में औपचारिक बातचीत करने पर विचार करने के लिए प्रेरित किया है। भारत और ताइवान के सूत्रों ने कहा कि दोनों देश प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपने व्यापार को मजबूत करने के इच्छुक हैं।

भारत और ताइवान ने पहले ही 2018 में एक द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन चीन के साथ तनाव के बीच एक औपचारिक व्यापार समझौते से नई दिल्ली-बीजिंग संबंध टूट सकता है और विश्व व्यापार संगठन में भी जटिलताएं हो सकती हैं। हालांकि सूत्रों ने कहा कि ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका का समर्थन काफी कुछ निर्भर करेगा।

एकेके/एएनएम

Created On :   20 Oct 2020 5:30 PM GMT

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