पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के लिए राज्यों पर दबाव बनाएगा केंद्र

Pradhan says Centre will ask states to cut VAT on Patrol-Diesel
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के लिए राज्यों पर दबाव बनाएगा केंद्र
पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने के लिए राज्यों पर दबाव बनाएगा केंद्र

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बढ़ी हुई कीमतों को लेकर भारी आलोचना का सामना कर रही केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी दो रुपए घटाए जाने के बाद केंद्र सरकार अब राज्यों से वैट घटाने को कहेगी, ताकि पेट्रोल-डीजल के दामों को और नीचे लाया जा सके। सूत्रों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर पेट्रोल-डीजल पर लागू वैट की दरों में कमी करने का आग्रह करने वाले हैं। 

गौरतलब है कि बुधवार रात 12 बजे से सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर बेसिक एक्साइज ड्यूटी दो रुपए घटा दी है। इसका असर बाजार में दिखने लगा है। इसके बाद नई दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 2.5 फीसदी की कमी के साथ 68.38 रुपए प्रति लीटर हो गई है। अब तक यहां पेट्रोल 70.88 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था। देश में पेट्रोलियम उत्पादों के सबसे बड़े रिटेलर इंडियन आयल कार्पोरेशन (आईओसी) के अनुसार एक्साइज ड्यूटी में कमी की वजह से डीजल के दामों में भी 2.25 रूपए प्रति लीटर की कमी आई है। यहां अब तक डीजल 59.14 रुपए प्रति लीटर बिक रहा था, जो अब घट कर 56.89 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इसी तरह भोपाल में पहले पेट्रोल 77.25 रुपए में बेचा जा रहा था, जो अब घट कर 74.68 रुपए प्रति लीटर हो गया है। जबकि डीजल पहले 65.69 रुपए प्रति लीटर था, जो अब घट कर 63.15 रुपए हो गया है। सूत्रों के अनुसार 

अब राज्यों से वैट घटाने को कहेगा केंद्र
केंद्र सरकार डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये कम करने के बाद अब राज्यों से भी वैट घटाने की अपील करेगा। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जल्द ही इस बारे में राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार राज्य सरकारों पर वैट में कटौती का दबाव नहीं दे सकती। इसलिए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्रियों से आग्रह ही कर सकते हैं। 

राज्यों ने इस तरह बढ़ाया वैट
27 मार्च 2017 को लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2014 में देश के 10 राज्यों ने डीजल पर 20% से ज्यादा वैट लगा रखा था। अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की संख्या बढ़कर 15 हो गई। इसी तरह, अप्रैल 2014 में डीजल पर सबसे ज्यादा 25 फीसदी वैट छत्तीसगढ़ ने लगा रखा था। अगस्त 2017 में 31.06 प्रतिशत वैट लगा कर आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर जा पहुंचा। अप्रैल 2014 में 17 राज्यों ने पेट्रोल पर कम-से-कम 25 प्रतिशत वैट लगा रखे थे। अगस्त 2017 में ऐसे राज्यों की संख्या बढ़कर 26 हो गई। अप्रैल 2014 में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा 33.06 प्रतिशत वैट पंजाब ने लगा रखा था, लेकिन अगस्त 2017 में 48.98 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र टॉप पर पहुंच गया। 

पड़ेगा 26000 करोड़ का बोझ
बेसिक एक्साइज ड्यूटी में कमी से सरकारी खजाने पर सालाना 26,000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। इस साल के बचे हुए महीनों में यह नुकसान 13,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है। 

तीन साल पहले हुई शुल्क वृद्धि
पेट्रोल पर सरकार अब तक 21.48 रपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती रही है, जबकि डीजल पर इसकी दर 17.33 रुपये प्रति लीटर थी। सरकार ने वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दामों में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिए तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी। 

केंद्र की कमाई बढ़ी तीन गुना 
दरअसल, इस साल 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी से पेट्रोल-डीजल को बाहर रखा गया है और इन पर केंद्र एवं राज्यों के अलग-अलग टैक्स अब भी लग रहे हैं। अब अगर केंद्रीय करों की बात करें तो सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, केंद्र में बीजेपी सरकार के आने के बाद से डीजल पर लागू एक्साइज ड्यूटी में 380% और पेट्रोल पर 120% का इजाफा हो चुका है। इस दौरान केद्र सरकार को इस मद से हुई कमाई भी तीन गुना से ज्यादा बढ़ गई है। 

पांच रुपए कीमत घटाने की योजना
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों से दो रुपए प्रति लीटर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) कम करने को कहेगी। इसके साथ ही पेट्रोलियम मार्केटिंग कंपनियों से एक रूपए कीमत घटाने को कहा जाएगा। सरकार की योजना पेट्रोल-डीजल के वर्तमान कीमतों में चार-पांच रुपए कम करने की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पेट्रोल की कीमत 65 रुपए के औसत पर रखा जाना उचित होगा। उन्होंने डीजल के दामों में भी पांच रुपए की कमी करने के संकेत दिए। 

भाजपा ने कहा अब राज्यों की बारी
भाजपा ने केंद्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी में कटौती की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जो कर सकती थी, उसने कर दिया। अब राज्यों को वैट घटाकर आम लोगों को राहत देने की बारी है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा बेसिक एक्साइज ड्यूटी में कटौती से राज्य के खजाने पर पड़ने वाले बोझ की भरपाई आर्थिक विकास की गति को तेज करके की जाएगी।      

कच्चे तेल की कीमत आधी, बढ़ते गए दाम
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम ने आम लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कच्चे तेल के दाम लगातार कम होना। गौरतलब है कि 26 मई 2014 को जब मोदी सरकार ने शपथ ग्रहण लिया था तब कच्चे तेल की कीमत 6330.65 रुपये प्रति बैरल थी जबकि प्रति डॉलर रुपये की कीमत 58.59 थी। लेकिन, 11 सितंबर 2017 को कच्चे तेल की कीमत करीब-करीब आधी घटकर 3368.39 रुपये प्रति बैरल पर आ गई जबकि प्रति डॉलर रुपये की कीमत 63.89 रही। 

किसकी कितनी कमाई?
-मोदी सरकार के कार्यकाल में अनब्रैंडेड पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 11 बार बदलाव हुए।
-1 अप्रैल 2014 को डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपये प्रति लीटर थी जो 380 फीसदी की वृद्धि के साथ 17.33 रुपये पर पहुंच चुकी है।
-1 अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर थी जो 120 फीसदी की वृद्धि के साथ 21.48 रुपये पर पहुंच गई है।
-2013-14 में केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 77982 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी जो 2016-17 में बढ़कर 242691 रुपये हो गई।
-129045 करोड़ रुपये से बढ़कर 166378 करोड़ रुपये हो गई इस दौरान वैट एवं सेल्स टैक्स से राज्यों की कमाई 

Created On :   4 Oct 2017 9:06 PM IST

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