महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, सरकार भी कंट्रोल नहीं कर पाएगी कीमत

prices of petrol and diesel are going to increase up to 2 rupees
महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, सरकार भी कंट्रोल नहीं कर पाएगी कीमत
महंगा होगा पेट्रोल-डीजल, सरकार भी कंट्रोल नहीं कर पाएगी कीमत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जल्द ही पेट्रोल-डीजल की कीमतें और भी बढ़ने वाली हैं। सरकार के एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद भी इनकी कीमतों में सुधार नहीं आया हैं, उलटे पेट्रोल-डीजल महंगा होता जा रहा है। दरअसल पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रही इस बढ़ोत्तरी के लिए कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें जिम्मेदार हैं।  वहीं रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सीधे 2 रुपए की बढ़ोत्तरी हो सकती है। कच्चे तेल का दाम 65 डालर प्रति बैरल के पार पहुंचने के बीच पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज कहा कि सरकार को गरीब और मध्यम वर्ग को लेकर चिंतित है।

हालांकि, उन्होंने पेट्रोलियम पदार्थों की मूल्य वृद्धि को कम रखने के लिये उत्पाद शुल्क कटौती के बारे में कुछ नहीं कहा। ये कच्चे तेल की कीमतों का 30 महीने का सबसे ऊंचे दाम हैं। वहीं कच्चे तेल की कीमतें 61.70 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है। कच्चे तेल की कीमतों में लगातार हो रहे इस इजाफे से तेल कंपनियों पर दबाव पड़ रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि गुजरात चुनाव खत्म होने के बाद कंपनियां कीमतों में बड़ी बढ़ोत्तरी कर सकती हैं।

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प्रधान ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने के लिये यूरोप में कुछ पाइपलाइन की गड़बड़ी और सर्दियों की बढ़ी मांग को मुख्य वजह बताया। उन्होंने कहा, हमें इंतजार करना चाहिये। फिलहाल भारत में दाम नियंत्रण में हैं।

बता दें कि मौजूदा समय में रोजाना स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटती बढ़ती हैं। उस दौरान इनकी कीमतों में 3 से 4 पैसों की बढ़ोतरी होती है या फिर घटती है, लेक‍िन कच्चे तेल की कीमतों में लगातार इजाफा तेल कंपनियों की मार्जिन को कम कर रहा है। इस वजह से कंपनियां कीमतें बढ़ाने का फैसला ले सकती हैं।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ने पर सरकार ने अक्टूबर में पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये लीटर कटौती की थी। इस कटौती के बाद इनके दाम में कमी आई थी। उत्पाद शुल्क कटौती से सरकार के खजाने पर साल के बाकी बचे महीनों में 13,000 करोड़ रुपए की कमी आयेगी। इससे पहले सरकार ने नवंबर 2014 से लेकर जनवरी 2016 के बीच कई बार पेट्रोल, डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया। उस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम नीचे चल रहे थे।

 

Created On :   14 Dec 2017 12:55 PM IST

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