सब्जियों का उत्पादन 20 करोड़ टन के स्तर पर पहुंचने के करीब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस साल के अंत तक, सब्जी उत्पादन 20 करोड़ टन के स्तर पर होगा, वहीं बागवानी उत्पादन 33 करोड़ टन होगा। आईएएनएस-सीवोटर इश्यूज दैट डोमिनेटेड इंडिया 2021 में यह जानकारी सामने आई है। यह बागवानी क्रांति का एक संकेतक है, जो पूरे भारत में फैल रही है। अच्छी खबर यह है कि 2005 के बाद के आंकड़े स्पष्ट रूप से गरीब और निम्न आय वाले परिवारों में अधिक सब्जियां, अंडे और दूध की खपत दिखा रहे हैं।
बुरी खबर यह है कि किसान को अभी भी उपज के लिए अपेक्षाकृत कम मेहनताना मिल पाता है। 70 फीसदी भारतीयों का मानना है कि इन फसलों को एमएसपी दिया जाना चाहिए। यहां तक कि जब कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली की ओर जाने वाले राजमार्गों के 375 दिनों के नाकेबंदी पर भारतीय लोग एक-दूसरे से बहस कर रहे थे, तब शायद ही कोई बागवानी के बारे में बात कर रहा था।
भारत काफी बड़ा है, मगर इसके बावजूद वह दुनिया में दूध, अंडे, मांस, फलों और सब्जियों का सबसे बड़ा उत्पादक नहीं है। हम अक्सर किसानों के टमाटर, प्याज और अन्य फसलों को सड़कों पर डंप करने की खबरें सुनते हैं, क्योंकि उन्हें किसी भी कीमत पर खरीदार नहीं मिलते हैं।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि भारत में केवल 10 प्रतिशत सब्जियों और फलों को संसाधित किया जाता है, जबकि अन्य 30 प्रतिशत केवल इसलिए सड़ जाते हैं क्योंकि कोई कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है।
केवल बड़े निजी क्षेत्र के निवेशकों के पास वैश्विक स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण संयंत्रों और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं के निर्माण के लिए संसाधन हैं। कृषि की तरह, बागवानी क्षेत्र में भी व्यापक सुधारों की आवश्यकता है। लेकिन वह पल 2021 में 375 दिनों की नाकाबंदी के साथ बीत गया है।
आईएएनएस
Created On :   31 Dec 2021 4:01 PM IST