PSU और बैंक कंपनियों के अफसरों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC आरक्षण का फायदा

PSUs and bank corporate officers will not get the benefit of OBC reservation
PSU और बैंक कंपनियों के अफसरों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC आरक्षण का फायदा
PSU और बैंक कंपनियों के अफसरों के बच्चों को नहीं मिलेगा OBC आरक्षण का फायदा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर का दायरा पीएसयू और बीमा कंपनियों तक बढ़ा दिया है। अब इन संस्थानों में काम करने वाले ओबीसी अफसरों के बच्चों को सरकारी नौकरियों और दाखिलों में आरक्षण नहीं मिलेगा। 

अभी तक क्रीमी लेयर का नियम सिर्फ सरकारी विभागों की नौकरियों पर लागू था। इस फैसले के बाद 300 से ज्यादा पीएसयू, बैंकों और बीमा कंपनियों पर इसका असर पड़ेगा और अब इन संस्थानों में कार्यरत अफसरों के बच्चे आरक्षण का लाभ नहीं ले पाएंगे।

24 साल पुराने मामले पर फैसला

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कैबिनेट बैठक में हुए फैसलों पर जानकारी देते हुए बताया कि "24 सालों से अटका मामला अब खत्म हो गया है। इससे पीएसयू और अन्‍य संस्‍थाओं में वरिष्‍ठ पदों पर काम कर रहे लोगों के बच्‍चों को इस लाभ से रोक लग सकेगी जिन्‍हें ओबीसी के लिए आरक्षित सरकारी पदों को दरकिनार कर आय मापदंडों की गलत व्‍याख्‍या के चलते तथा पदों की समतुल्‍यता के अभाव में गैर-क्रीमीलेयर मान लिया जाता था और वास्‍तविक गैर-क्रीमीलेयर उम्‍मीदवार इस आरक्षण सुविधा नहीं मिला पाती है।

इसका सीधा लाभ पीएसयू और फाइनेंस ऑर्गनेइजेशन्स में काम करने वाले निम्न श्रेणी के कर्मियों के बच्चों को होगा। उन्हें दूसरी गवर्मेंट डिपार्टमेंट्स में तैनात बराबर के कर्मियों के बच्चों के समान ओबीसी आरक्षण मिल पाएगा। साथ ही इन ऑर्गनेइजेशन्स में सीनियर पदों पर बैठे लोगों के बच्चों को आरक्षण का फायदा उठाने से रोका जा सकेगा।

क्रीमी लेयर की आय इनकम सीमा बढ़ाई

पहले इनकम मापदंडों की गलत व्याख्या और पदों की समानता के अभाव में इन पर क्रीमी लेयर लागू नहीं होती थी। मंत्रिमंडल पिछले हफ्ते ही क्रीमी लेयर की आय इनकम 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपए सालाना कर चुका है।

ताजा फैसले के तहत सरकारी विभागों में ग्रुप ए और बी के पदों वाला क्राइटेरिया ही पीएसयू, बैंकों और वित्तीय संस्थानों में इनके समान पदों पर लागू होगा। ये दोनों ग्रुप क्रीमी लेयर में आते हैं। क्रीमी लेयर का आधार सालाना आमदनी, पद और सामाजिक स्थिति हैं। 

Created On :   31 Aug 2017 2:27 PM IST

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