रेपो रेट जारी, आरबीआई ने नहीं घटाई ब्याज दरें

RBI keeps repo rate unchanged at 6%, maintains neutral stance 
रेपो रेट जारी, आरबीआई ने नहीं घटाई ब्याज दरें
रेपो रेट जारी, आरबीआई ने नहीं घटाई ब्याज दरें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। फिलहाल रेपो रेट 6 फीसदी पर स्थिर है। रिजर्व बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2018 में देश की जीडीपी 6।7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक ने दूसरी छमाही में में महंगाई दर 4।3 से 4।6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले अक्टूबर में भी आरबीआई की मौद्रिक समिति ने रेपो रेट में कोई कटौती नहीं की थी। अक्टूबर में भी इसे 6 फीसदी ही रखा गया था।

एमपीसी की तरफ से रेपो रेट में कटौती न किए जाने के लिए महंगाई को जिम्मेदार बताया गया है। एमपीसी ने कहा है कि महंगाई को 4 फीसदी के दायरे में बांधे रखने के लिए और ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

कमिटी में शामिल प्रॉफेसर रविंद्र ढोलकिया ने इस बार भी 0।25 प्रतिशत की कटौती की वकालत की, लेकिन बाकी 5 सदस्यों ने कटौती पर सहमति व्यक्त नहीं की। रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि बैंक अकाउंट को आधार से लिंक करने का काम इस साल के आखिर तक खत्म कर लिया जाएगा। पीओएस का उपयोग काफी बढ़ गया है।

केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने ताजा द्वीमासिक समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर रेपो 6 प्रतिशत पर बरकरार रखा। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 5।75 प्रतिशत जबकि सीआरआर 4 प्रतिशत और एसएलआर 19।5% पर कायम रखा गया है।

रिजर्व बैंक की ओर से जारी मॉनीटरी पॉलिसी स्टेटमेंट मे कहा गया है कि महंगाई को 4 प्रतिशत के आसपास में रखने और विकास को बढ़ावा देने के लक्ष्य के मद्देनजर नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया गया है।

क्या है रेपो रेट
रेपो रेट वह रेट है जब बैंकों के पास फंड की कमी हो जाती है, तो वे केंद्रीय बैंक (आरबीआई) से लोन लेते हैं। उन्हें यह लोन एक फिक्स रेट पर आरबीआई की तरफ से दिया जाता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है। रेपो रेट हमेशा आरबीआई ही तय करता है।

रिवर्स रेपो रेट क्या है
रिवर्स रेपो रेट वह रेट होता है, जिस पर देश का केंद्रीय बैंक बैंकों से लोन लेता है। आसान शब्दों में कहें तो जिस तरह आप बैंक से लोन लेने पर इस पर ब्याज चुकाते हैं, उसी तरह आरबीआई भी बैंकों से पैसे लेने के लिए उन्हें प्रोत्साहन राशि (रिवर्स रेपो रेट) देता है। रेपो रेट जितना ज्यादा होगा, बैंकों को उतना ज्यादा फायदा मिलेगा। 

 

Created On :   6 Dec 2017 5:26 PM IST

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