बिटकॉइन का भाव गिरा, रिकॉर्ड स्तर से 2.73 लाख रुपए टूटा

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन को लेकर भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहले ही चेतावनी दे चुका है। इस करंसी में पैसा लगाना कितना बड़ा रिस्क हो सकता है इसका अंदाजा इसकी कीमत में हो रही भारी उठापटक से लगाया जा सकता है। पिछले हफ्ते (शुक्रवार को) बिटकॉइन ने जिस रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था, उस उंचाई से सोमवार का भाव 4233 डॉलर घटा है, भारतीय करेंसी में बात करें तो रिकॉर्ड ऊंचाई से बिटकॉइन की कीमतों में करीब 2.73 लाख रुपए कम हुआ है।
शुक्रवार को बिटकॉइन की कीमतों ने 17,287.65 की रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था, डॉलर का भाव अगर 64.50 रुपए मानें तो भारतीय करेंसी में एक बिटकॉइन की कीमत 11.15 लाख रुपए की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गई थी, लेकिन आज शुरुआती कारोबार में इसका भाव घटकर 13,054.46 डॉलर के स्तर तक आ गया। हालांकि आज गिरावट के बाद बिटकॉइन की कीमतों में एक बार फिर से रिकवरी आई और इसका भाव अभी फिर से रिकवर होकर 16,300 डॉलर के ऊपर पहुंच गया है। बिटकॉइन में भारी उठापटक देखने को मिल रही है जिस वजह से इसमें निवेश काफी जोखिम भरा हो सकता है।
बिटकॉइन में इनवेस्टर पर पड़ेगी भारी टैक्स की मार
बेंगलुरु में एक अमेरिकी आईटी कंपनी में काम कर रहे इंजिनियर एस श्रीधर ने शुक्रवार को करीब 20 बिटकॉइंस बेचे थे। इस वर्चुअल करंसी में ट्रेडिंग करने के खिलाफ RBI की चेतावनी का तो इसमें हाथ था ही, इस करंसी की वैल्यू में गिरावट के चलते भी श्रीधर ने बिकवाली की। हालांकि उनके टैक्स अडवाइजर ने उनसे कहा कि वो अब मुश्किल में फंस सकते हैं। 36 वर्षीय इंजिनियर और उनके अडवाइजर ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस ट्रेड से जो रिटर्न मिला है, उस पर टैक्स लगेगा या नहीं और लगेगा तो कितना। रिटर्न को श्रीधर ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर किया था। श्रीधर देश के उन कई लोगों में शामिल हैं जो अपनी बिटकॉइन होल्डिंग्स बेचने की आपाधापी में हैं क्योंकि इस इन्वेस्टमेंट पर टैक्स की पिक्चर साफ नहीं है। एक्सपर्ट्स ने कहा कि बिटकॉइन से मिलनेवाले रिटर्न पर 20-30 पर्सेंट टैक्स लग सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि रिटर्न को बिजनस इनकम माना जाता है या कैपिटल गेंस।
एक्सपर्ट्स ने कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट बिटकॉइंस बेचने से हासिल रकम को बिजनस इनकम मान सकता है। अशोक माहेश्वरी ऐंड असोसिएट्स एलएलपी चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के पार्टनर अमित माहेश्वरी ने कहा, "एक्टिव ट्रेडिंग के चलते इसे स्पेक्युलेटिव बिजनस माना जा सकता है। ऐसे में इस पर रेग्युलर टैक्स रेट्स लगेंगी।"
Created On :   11 Dec 2017 1:33 PM IST