5 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंची खुदरा मंहगाई दर, औद्योगिक उत्पादन की ग्रोथ घटी
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून 2018 में बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई।
- मई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ घटकर 3.2 फीसदी रह गई।
- रिटेल महंगाई दर के जून माह के आंकड़े गुरुवार को जारी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रिटेल महंगाई दर के जून माह के आंकड़े गुरुवार को जारी कर दिए गए। खाने-पीने का सामान सस्ता होने के बावजूद उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून 2018 में बढ़कर 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई। पांच महीने में ये सबसे ज्यादा है। इससे पहले जनवरी में ये 5.07% थी। पिछले महीने यानी मई की बात करें तो ये 4.87 फीसदी थी। वहीं जून 2017 में यह 1.46 फीसदी थी। दूसरी तरफ मई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ घटकर 3.2 फीसदी रह गई। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने ये डेटा जारी किया है।
Consumer Price Index (CPI) accelerates to 5% for June. Index of Industrial Production (IIP) for June slips to 3.2%. pic.twitter.com/grY9XW4Qh6
— ANI (@ANI) July 12, 2018
और क्या-क्या है रिपोर्ट में:
- स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थ की महंगाई दर जून में 2.91 फीसदी रही जो मई में 3.1 फीसदी थी।
- फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी की महंगाई दर जून में 7.14% पहुंच गई। मई में ये 5.8% थी। फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी बास्केट में बिजली, गैस, तरल और ठोस ईंधन शामिल हैं।
- ट्रांसपोर्टेशन और कम्यूनिकेशन कॉस्ट की दर जून में 6.18% हो गई है। मई में ये 5.31% थी। पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी के कारण ये दरें बढ़ी है।
- घरों का किराया महंगा हुआ है। इसकी महंगाई दर 8.4% से बढ़कर 8.45% हो गई।
- खाने-पीने का सामान सस्ता हुआ है। इनकी दर 3.1% से घटकर 2.9% रही।
क्या होता है CPI इंडेक्स?
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) है, जो रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।
Created On :   12 July 2018 1:24 PM GMT