विजय माल्या के कारण बदलेगा एक कानून, सेबी ने की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगोड़े विजय माल्या को वापस देश लाने के कई प्रयास हो रहे हैं। अब उनकी वजह से देश में कानून बदलने वाला है। कर्ज नहीं लौटाने पर सेबी ने कंपनी कानून में संशोधन करने को कहा है। जिसे किसी निदेशक को अयोग्य करार दिया जाता है तो वह तत्काल पद से हटे। कंपनी एक्ट के तहत किसी अदालत के आदेश संबंधित निदेशक पद पर बैठा व्यक्ति अयोग्य हो जाता है व उसे पद से इस्तीफा देना पड़ता है, परंतु सेबी के बारे में स्पष्ट रूप से ऐसा नहीं कहा गया है। वहीं सेबी के पास कई कंपनी के नियमन का जिम्मा है।
सेबी ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि कंपनी एक्ट में यह स्पष्ट होना चाहिए,अगर वह किसी व्यक्ति को अयोग्य करार कर दे तो उसे तत्काल निदेशक पद छोड़ना होगा। अधिकारियों ने कहा,"वित्तमंत्रालय ने प्रस्तावित संशोधन को लेकर सेबी से निदेशक मंडल से मंजूरी प्राप्त करने व कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को भेजने को कहा है। कंपनी एक्टके लिए नोडन मंत्रालय कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय है।"
सेबी ने प्रस्ताव में 25 जनवरी 2017 के आदेश का जिक्र किया है। आदेश में नियामक विजय माल्या और छह अन्य को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में अगले आदेश तक निदेशक पद लेने से मना किया। सेबी ने यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड में कोष के अवैध तरीके से स्थानांतरण की जांच के बाद आदेश दिया था। यह कंपनी माल्या के कारोबारी समूह का हिस्सा थी। बाद में इसे शराब कंपनी डिआजियो को बेच दिया गया। अंत काफी दबाव के बाद अगस्त 2017 में माल्या निदेशक पद से हटे।
कंपनी कानून में बदलाव के पीछे सेबी ने तर्क दिया है कि माल्या ने आदेश का अनुपालन नहीं किया और इससे कानूनी समस्या उत्पन्न हुई। इससे यह सवाल उठा है कि जब कोई निदेशक आदेश का पालन करने में असफल रहता है तो क्या सेबी के पास अपने आदेश को लागू करने का अधिकार है।
Created On :   5 March 2019 9:19 AM IST