स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने बरकरार रखी भारत की रेटिंग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को लेकर स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड बी) ने अपनी रेटिंग जारी की है। इस बार भी भारत की रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एजेंसी ने भारत की रेटिंग को BBB- बरकरार रखा है और आउटलुक स्टेबल दिया है। मूडीज के बाद स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स ने मोदी सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर उठाए गए कदमों की सराहना तो की, लेकिन रेटिंग अपग्रेड नहीं की।
बता दें कि बीबीबी ग्रेड इन्वेस्टमेंट संबंधित सबसे निचली श्रेणी है। इससे पहले हाल ही में मूडीज ने देश की रेटिंग एक पायदान बढ़ाकर बीएए2 कर दी थी। रेटिंग में यह सुधार 13 साल बाद हुआ था। हालांकि SP ने यह उम्मीद जताई है कि आने वाला समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2018-20 के बीच अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। यह भी कहा गया है कि विदेशी मुद्रा कोष में वृद्धि बरकरार रहेगी।
SP ने पिछली बार जनवरी 2007 में भारत की रेटिंग रिवाइज करते हुए इसे BBB- किया था। इसे बॉन्ड्स के लिए सबसे निचले स्तर की इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग माना जाता है। उस समय एजेंसी ने आउटलुक को स्थिर रखा था। इसके बाद 2009 में एजेंसी ने आउटलुक को नकारात्मक श्रेणी में रखा, जो 2010 में स्थिर रहा। इसके बाद 2012 में आउटलुक को नकारात्मक किया, जो नरेंद्र मोदी सरकार के आने तक स्थिर रहा है। हालांकि इसकी रेटिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ और यह BBB- ही रहा।
दरअसल, यह रेटिंग किसी भी देश के निवेश माहौल का सूचक होता है। यह निवेशकों को किसी देश में निवेश से संबंधित जोखिमों की जानकारी देता है। इन जोखिमों में राजनीतिक जोखिम भी शामिल होता है। लंबे समय से भारत को रेटिंग एजेंसियां निवेश की सबसे निचली श्रेणी बीएए3 में रखती आई हैं।
बता दें कि इससे पहले मूडीज ने भी भारत की क्रेडिट रेटिंग को सुधारा है। एजेंसी ने भारत को BAA3 ग्रुप से उठकर BAA2 ग्रुप में रख दिया है। मूडीज़ की इस रैंकिंग में सुधार की वजह भारत के द्वारा किए जा रहे आर्थिक और सांस्थानिक सुधार हैं। मूडीज ने कहा कि मोदी सरकार के द्वारा जो सुधार किए गए हैं, उनका असर लंबे समय के बाद दिखेगा। जैसे की जीएसटी और नोटबंदी लागू होने के कारण कुछ समय के लिए जीडीपी में गिरावट हुई है। मूडीज का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ मार्च 2018 तक 6।7 फीसदी होगी। वहीं अनुमान है कि 2019 तक जीडीपी एक बार फिर 7।5 फीसदी तक पहुंचेगी।
इस साल मई में, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भारत के इकॉनमिक फंडामेंटल्स में बेहतरी के बावजूद रेटिंग न सुधारने के लिए एजेंसी की आलोचना की थी। SP का नाम लिए बगैर उन्होंने इसे "पूअर स्टैंडर्ड्स" कहा था।
Created On :   24 Nov 2017 7:39 PM IST