राज्यों ने अब तक महज 2.5 फीसदी प्रवासियों को बांटा मुफ्त अनाज

States have so far distributed only 2.5 percent free grain to migrants
राज्यों ने अब तक महज 2.5 फीसदी प्रवासियों को बांटा मुफ्त अनाज
राज्यों ने अब तक महज 2.5 फीसदी प्रवासियों को बांटा मुफ्त अनाज

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत विभिन्न राज्यों में फंसे करीब आठ करोड़ प्रवासी मजूदरों में महज 2.5 फीसदी लोगों को ही अब तक मुफ्त अनाज बांटा गया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, अनुमानित आठ करोड़ लाभार्थी प्रवासी मजदूरों में से महज 20.26 लाख लोग ही इस योजना का लाभ उठा पाए हैं।

विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदरों का डेटा तैयार करने और उनको अनाज बांटने के तरीकों को लेकर पूछे गए एक सवाल केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने पिछले दिनों के प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सरकार का मकसद है कि संकट की इस घड़ी में देश में कोई भूखा न रहे, इसलिए सर्वे करने और डेटा तैयार करने में वक्त जाया करने के बजाय जरूरतमंदों को जल्द अनाज मुहैया करवाने की जरूरत है।

कोरोना संकट काल में विभिन्न राज्यों में मौजूद बिना राशन कार्ड वाले प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन बांटने के लिए राज्यों ने 4.42 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है, लेकिन अब तक इसका महज 2.29 फीसदी अनाज का ही वितरण हो पाया है।

मंत्रालय के अनुसार, पूरे देश में ऐसे करीब आठ करोड़ प्रवासी मजदूर हैं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इनके लिए केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत मई और जून दो महीने के दौरान हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल प्रतिव्यक्ति और एक किलो चना प्रति परिवार मुफ्त बांटने का प्रावधान किया है। मंत्रालय ने इस प्रवासियों के लिए मुफ्त अनाज वितरण के लिए आठ लाख टन अनाज की स्वीकृति दी है, जिसमें से राज्यों ने आधे से अधिक यानी 4.42 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है। लेकिन इसमें से महज 10,131 टन अनाज का ही अब तक वितरण हो पाया है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अनुमानित आठ करोड़ लाभार्थी प्रवासी मजदूरों में से महज 20.26 लाख लोग ही इस योजना का लाभ उठा पाए हैं।

वहीं, चना वितरण के आंकड़ों पर गौर करें तो 1.96 करोड़ प्रवासी परिवारों के लिए 39000 टन चना की स्वीकृति दी गई है। राज्यों को 28,306 चना इसके लिए भेजा जा चुका है जिसमें से राज्यों ने 15,413 टन का उठाव कर लिया है मगर वितरण महज 631 टन हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि सभी आठ करोड़ राशनकार्ड विहीन प्रवासी, मजदूर फंसे हुए लोगों एवं अन्य जरूरतमंद परिवारों को प्रति परिवार एक किलोग्राम चना मई एवं जून माह के लिए मुफ्त में वितरित की जा रही है। चना का यह आवंटन राज्यों की जरूरत के अनुरूप किया जा रहा हैं।

मंत्रालय के अनुसार, अनाज के लिए लगभग 3109 करोड़ रुपए एवं चना के लिए लगभग 280 करोड़ रुपए शत-प्रतिशत वित्तीय भार भारत सरकार वहन कर रही है।

वहीं, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना(पीएमजीकेएवाई) के तहत देश के तकरीबन 81 करोड़ राशनकार्डधारितयों को अप्रैल-मई और जून तीन महीने तक मुफ्त अनाज विरतण के लिए 104.4 लाख टन चावल एवं 15.6 लाख टन गेहू का आवंटन किया गया, जिनमें से राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशाों ने 91.40 लाख टन चावल एवं 13.70 लाख टन गेहूं यानी कुल 105.10 लाख टन अनाज का उठाव कर लिया है।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल महीने का 36.98 लाख टन यानी 92.45 फीसदी अनाज बंट चुका है। राज्यों ने पीएमजीकेएवाई के तहत मई महीले का 34.93 लाख टन यानी 87.33 फीसदी अनाज बंटा है जबकि चालू महीने जून का अब तक 6.99 लाख टन यानी 17.47 फीसदी अनाज बंट चुका है। मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार इस योजना का शत.प्रतिशत वित्तीय भार वहन कर रही है जो लगभग 46,000 करोड़ रुपये है।

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने रविवार को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस पर देशवासियों को शुभकमना देते हुए कहा कि शुद्ध और पौष्टिक भोजना हर नागरिक का अधिकार है। पासवान ने एक ट्वीट में कहा, समस्त देशवासियों को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। शुद्ध, पौष्टिक और मिलावट से मुक्त भोजन हर नागरिक का अधिकार है। यह सुनिश्चित करना और सुरक्षित खाद्य मानकों को बनाए रखने के लिए हम सबका सजग और जागरूक रहना जरूरी है।

Created On :   8 Jun 2020 7:01 AM GMT

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