विदेशों में पढ़ रहे छात्र भारत आएं और नवाचार करें : प्रधान

- विदेशों में पढ़ रहे छात्र भारत आएं और नवाचार करें : प्रधान
नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों से भारत आने और नवाचार करने की अपील की है।
प्रधान ने ये बातें ऑयल एवं गैस सेक्टर पर युवा विदेशी भारतीय विद्वानों, छात्रों और दोस्तों के एक उत्साही समूह के साथ वीडियो कांफ्रेंस के दौरान कही।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के लीड इंडिया ग्रुप, थिंक इंडिया पर्डयू, मैरीलैंड विश्वविद्यालय में डेवलप एम्पावर एंड सिनरजाइज इंडिया ग्रुप ने किया था।
इस मौके पर धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के ऊर्जा भविष्य के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया है। यह रोडमैप ऊर्जा उपलब्धता और सुलभता, गरीब लोगों के लिए ऊर्जा सामथ्र्य,ऊर्जा के उपयोग में दक्षता, जलवायू परिवर्तन, ऊर्जा स्थिरता और वैश्विक अनिश्चितताओं को कम करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा पर आधारित है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के बारे में बताते हुए प्रधान ने कहा, हमने 2016 में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की शुरुआत की। इसका उद्देश्य 8 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त में एलपीजी रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करना है। हम 8 करोड़ ग्राहकों के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही प्राप्त कर चुके हैं। इसके साथ ही, एलपीजी कनेक्शन अब भारत के 98 फीसदी घरों में उपलब्ध हैं जो वर्ष 2014 में महज 56 फीसदी से काफी अधिक है।
प्रधान ने कहा, भारत ने तेल और गैस क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये 2022 तक ऊर्जा आयात निर्भरता में 10 प्रतिशत की कमी करने का लक्ष्य रखा है। इस संबंध में, सरकार ने घरेलू तेल और गैस का उत्पादन बढ़ाने और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कई नीतियां लागू करने के साथ-साथ प्रशासनिक उपाय भी किए हैं।
प्रधान ने भारत की ऊर्जा कूटनीति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक ऊर्जा मानचित्र में अपनी उपस्थिति महसूस कराई है। भारत पीएम मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा की उचित और किफायती कीमत की मांग करने वाले देशों की आवाज बुलंद कर रहा है।
उन्होंने कहा, हम विश्व ऊर्जा चर्चा में ओपेक, आईईए, आईईएफ और अन्य सभी प्रमुख संस्थाओं के साथ जुड़े हैं। भारत आपूर्ति स्रोतों के विविधीकरण की नीति के तहत अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, यूएई और सभी प्रमुख ऊर्जा उत्पादक देशों के साथ जुड़ा है।
मौजूदा महामारी पर उन्होंने कहा, हम कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच में हैं जिसने हमारे जीवन की मूलभूत धारणाओं को चुनौती दी है। तत्काल आर्थिक प्रभाव हमारी विकास की गति को धीमा कर सकता है, लेकिन हमारे पास थोड़ा रुकने, पुनर्विचार करने और नया स्वरूप देने के अवसर भी हैं।
कोरोना महामारी के दौरान घोषित किए गए आर्थिक पैकेज के बारे में प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के प्रभाव से निपटने के लिए 265 बिलियन डॉलर के बड़े प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 10 हिस्से के बराबर है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए बड़े सुधारों की घोषणा की गई जो कोविड-19 की चुनौतियों को एक अवसर में बदलने और भारत को 21वीं सदी का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए है।
Created On :   12 July 2020 6:00 PM IST