- भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 13,823 नए मामले सामने आए। 162 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,52,718 हो गई है।
- J-K: अख्नूर सेक्टर पर पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, फायरिंग में 4 भारतीय जवान जख्मी
- तांडव विवाद: मुंबई पहुंची UP पुलिस, आज वेब सीरीज के डायरेक्टर-प्रोड्यूसर से होगी पूछताछ
- गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व आज, PM मोदी ने उनके साहस और बलिदान को किया याद
- मुस्लिम संगठनों की ओर से 22 जनवरी को बुलाया गया बेंगलुरु बंद कैंसिल
टाटा-मिस्त्री विवाद : सुप्रीम कोर्ट में 2 दिसंबर को होगी अंतिम बहस

हाईलाइट
- टाटा-मिस्त्री विवाद : सुप्रीम कोर्ट में 2 दिसंबर को होगी अंतिम बहस
नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री की नियुक्ति से जुड़ी कानूनी लड़ाई के संबंध में सुनवाई की। दिसंबर 2019 में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मिस्त्री को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने और नटराजन चंद्रशेखरन को कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के आदेश को अवैध करार दिया था। शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी थी।
मिस्त्री का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी.ए. सुंदरम ने बुधवार को शीर्ष अदालत को सूचित किया कि उन्होंने हस्तक्षेप आवेदन (आईए) दायर किया है। सुंदरम ने कहा कि नया आईए केवल एक अतिरिक्त राहत चाहता है, क्योंकि पहले आईए में इसे कवर नहीं किया गया है।
न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामासुब्रमण्यम के साथ प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुंदरम से कहा, आपने आईए दायर क्यों किया है। हम अंतिम सुनवाई के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ेंगे?
पीठ ने उन्हें याद दिलाया कि इस मामले को आज अंतिम सुनवाई के लिए रखा गया है, फिर भी एक आईए दायर किया गया है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि आप एक आईए दायर करते हैं, जिसमें उत्तर और दलीलों की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि अदालत ने मामले को अंतिम सुनवाई के लिए रखा है। मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा, हम इसे अंतिम सुनवाई के लिए दो दिसंबर के लिए सूचीबद्ध करेंगे।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह और साइरस मिस्त्री को अगली सुनवाई तक टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) के शेयरों को गिरवी रखने या स्थानांतरित करने से रोक दिया है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि समूह को उन शेयरों पर आगे कार्रवाई नहीं करनी चाहिए जो उन्होंने पहले ही धन जुटाने के लिए गिरवी रखे हैं।
बता दें कि टाटा समूह और एसपी समूह के बीच इन शेयरों को लेकर पिछले एक साल से विवाद चल रहा है। मिस्त्री परिवार के एसपी समूह की टीएसपीएल में करीब 18 फीसदी हिस्सेदारी है और वो इस कंपनी का सबसे बड़ा माइनारिटी शेयर होल्डर है। पालोनजी मिस्त्री के बेटे साइरस मिस्त्री को 2012 में रतन टाटा की जगह टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन चार साल बाद 2016 में उन्हें अचानक पद से हटा दिया गया था, तभी से उनका टाटा समूह के साथ विवाद चल रहा है।
एकेके/एसजीके
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।