एक बार फिर टाटा और मिस्री होंगे आमने-सामने

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। पिछले साल टाटा संस से निकाले जा चुके चेयरमैन साइरस मिस्त्री के परिवार ने टाटा संस को पब्लिक लिमिटेड कंपनी से बदलकर ‘प्राइवेट लिमिटेड’ कंपनी बनने की योजना का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह से शेयरधारकों के हितों को दबाने की कोशिश की जा रही है। बता दें की मिस्त्री परिवार की 18 फीसदी हिस्सेदारी टाटा संस में है। गौरतलब है कि टाटा संस कंपनी ने 21 सितंबर को होने जा रही सालाना आम बैठक (एजीएम) से पहले शेयरधारकों को इस संबंध में एक नोटिस भेजा है। नोटिस में टाटा संस लिमिटेड से नाम बदलकर "टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड" करने के विचार में उसके गठन से संबंधित नियम एवं शर्तों (मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन) में संशोधन की मांग की गई है।
मिस्त्री परिवार का विरोध
नाम बदलने को लकर मिस्त्री परिवार ने इसका विरोध किया है। मिस्त्री परिवार ने टाटा संस निदेशक मंडल को जवाब में एक पत्र लिखा है। पत्र में आरोप लगाया गया है की, "प्रस्तावित एजीएम बुलाने का वास्तविक मकसद दुर्भावनापूर्ण है और टाटा संस के हित में नहीं है।’ हालांकि टाटा संस के प्रवक्ता ने मिस्त्री परिवार के इस आरोप पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
पिछले साल मिस्त्री को निकाला गया था कंपनी से
बता दें की पिछले साल साइरस मिस्त्री को चैयरमैन पद से हटा दिया गया था। जिसको लेकर मिस्त्री परिवार का साइरस इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इनवेस्टमेंट कारपोरेशन राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में टाटा संस के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। मिस्त्री की टाटा संस में 18.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि टाटा ट्रस्ट की 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
Created On :   16 Sept 2017 2:59 PM IST