अमेरिकी बाजार में 2008 के बाद आई सबसे बड़ी गिरावट,डाओ जोंस 1175 अंक टूटा

डिजिटल डेस्क । मंगलवार को भारतीय शेयर मार्केट गिरावट के साथ खुला वहीं दूसरी ओर अमेरिकी बाजार में भी भारी गिरावट दर्ज की गई। जिस वजह से महंगे बॉन्ड यील्ड से निवेशकों की नींद उड़ी है। अमेरिकी शेयर बाजार डाओ जोंस 1175 अंकों की गिरावट के साथ बंद हुआ है।अब अमेरिका में बॉन्ड यील्ड 2.88 फीसदी तक पहुंच चुका है। अमेरिकी बाजार रिकॉर्ड हाई से 7 फीसदी से ज्यादा गिर चुके हैं। इस गिरावट ने बीते एक साल की बढ़त गंवा दी है। डाओ जोंस 4.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ सोमवार को 24,345.75 अंकों पर बंद हुआ है। एस एंड पी 500 स्टॉक इंडेक्स 3.8 प्रतिशत और नेस्डेक 3.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए हैं।
समाचार एजेंसी एसोसिएट प्रेस के अनुसार अमेरिकी शेयर बाजार में ये वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद एक दिन में आई सबसे अधिक गिरावट है। अमरीकी शेयर बाज़ारों की इस गिरावट का असर एशियाई बाजारों पर भी देखा गया है। जापान के निकेई सूचकांक में भी शुरुआती कारोबार में ही चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
व्हाइट हाउस ने इस गिराववट पर एक बयान जारी किया है। व्हाइट हाउस के अनुसार "हमारी चिंता हमेशा बनी रहती है। खासकर जब बाजार के किसी भी मूल्य में गिरावट दर्ज होती है, लेकिन हमें अपनी अर्थव्यवस्था की बुनियादी बातों में भी पूरा विश्वास है।"
डाओ जोंस 1175 अंक टूटा
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड 2.88 फीसदी तक पहुंच चुका है। बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी से सोमवार के कारोबार में भारी बिकवाली देखने को मिली। जिससे डाओ जोंस 1175 अंक यानी 4.60 फीसदी की बड़ी गिरावट के साथ 24,345.75 अंक पर बंद हुआ। एक समय डाओ जोंस 1500 अंक टूट गया था। वहीं एसएंडपी 500 इंडेक्स 113 अंक यानी 4.10 फीसदी लुढ़ककर 2,649 अंक पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कम्पोजिट 273 अंक यानी 3.78 फीसदी टूटकर 6,968 अंक पर बंद हुआ।
क्या है अमेरिकी बाजारों में गिरावट की वजह
अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड यील्ड 2.85 फीसदी पर पहुंच चुका है. बॉन्ड यील्ड बढ़ना ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत होता है। वहीं, पिछले महीने जॉब डाटा भी बेहतर आया. इससे अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी की चिंता बढ़ गई है।
जानकारों के अनुसार अमेरिकी निवेशक अमेरिकी अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण में छोटे, लेकिन महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। जब अमेरिकी श्रम विभाग ने रोजगार संख्या जारी की तो शुक्रवार को स्टॉक मार्केट की सेल-ऑफ बढ़ी। इसमें अनुमान से अधिक मजदूरी में वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। यदि वेतन बढ़ता है, तो उम्मीद है कि लोग ज्यादा खर्च करेंगे और मुद्रास्फीति को ऊंचा करेंगे। यही नहीं बाजार में पिछले कुछ माह से बढ़त बनी हुई थी, जिसकी वजह से चिंता जताई जा रही थी कि शेयरों की कीमत अधिक आंकी जा रही है।
शुक्रवार को भी 666 अंक टूटा था डाओ जोंस
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के डर से शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। अमेरिका में 10 साल के बॉन्ड यील्ड 2.85 फीसदी पर पहुंच गई है। बॉन्ड यील्ड बढ़ना ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत होता है. जिससे डाओ जोन्स 666 अंक गिर गया था।
Created On :   6 Feb 2018 10:16 AM IST