विलफुल डिफाल्टर्स की आरबीआई की सूची में शामिल नामों के खिलाफ सरकार पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुकी

The government has already initiated action against names in the RBI list of willful defaulters
विलफुल डिफाल्टर्स की आरबीआई की सूची में शामिल नामों के खिलाफ सरकार पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुकी
विलफुल डिफाल्टर्स की आरबीआई की सूची में शामिल नामों के खिलाफ सरकार पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुकी

नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा एक आरटीआई के जवाब में बैंकों के विलफुल डिफाल्टर्स की जो सूची दी गई है, उनके खिलाफ सरकार पहले ही कार्रवाई शुरू कर चुकी और जांच जारी है।

आरबीआई की शीर्ष 50 विलफुल डिफाल्टर्स की सूची में शामिल कई कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दाखिल किए जाने सहित प्रवर्तन कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

उदाहरण के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों ने गीतांजलि जेम्स और आरईआई एग्रो की संपत्तियों को अटैच कर लिया है, जबकि विनसम डायमंड्स के जतिन मेहता के खिलाफ एक रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके अलावा गीतांजलि जेम्स के मेहुल चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की जा चुकी है।

विलफुल डिफाल्टर्स और उनपर बकाया राशि का आंकड़ा 30 सितंबर, 2019 तक के आंकड़े के अनुसार है।

एक आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने उन डिफाल्टरों के नाम दिए हैं, जो सीआरआईएलसी डेटाबेस में मौजूूद हैं, जहां बैंक उन सभी उधारीकर्ताओं के बारे में खास क्रेडिट जानकारी देते हैं, जिनके पास फंड आधारित और गैर-फंड आधारित कुल पांच करोड़ रुपये या इससे अधिक का एक्सपोजर होता है।

यह डेटा शीर्ष 50 विलफुल डिफाल्टर्स और उनपर बकाया राशि तथा तकनीकी या प्रुडेंशियली बट्टे खाते में डाली गई राशि से संबंधित है।

सरकार ने एनपीए के नियमों को कड़ा कर दिया है और अब इसके लिए आईबीसी संहिता सहित एक सख्त शासन है, जिसके तहत ऋणों को डिफाल्ट करने वाली कंपनियों के प्रमोटर बैंकों और कंपनियों को लगातार नुकसान नहीं पहुंचा सकते।

इन डिफाल्टर्स की सूची में मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड शीर्ष पर है, जिस पर 5,492 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके बाद दूसरे स्थान पर आरईआई एग्रो लिमिटेड 4,314 करोड़ रुपये कर्ज के साथ और विनसम डायमंड एंड ज्वेलरी 4,076 करोड़ रुपये कर्ज के साथ मौजूद है।

आरबीआई ने कहा है कि बैंकों ने 50 विलफुल डिफाल्टर्स पर बकाया 68,607 करोड़ रुपये को बट्टे खाते में डाल दिया है।

इसके बाद 2000 करोड़ रुपये की श्रेणी में कानपुर की कंपनी रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड है, जोकि जाने माने कोठारी समूह की कंपनी है, जिस पर 2850 करोड़ रुपये का कर्ज है।

इसके अलावा, पंजाब की कुडोस केमी (2,326 करोड़ रुपये), बाबा रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी समूह इंदौर स्थित रुचि सोया इंडस्ट्रीज (2,212 करोड़ रुपये) और ग्वालियर की जूम डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (2,012 करोड़ रुपये) जैसी कंपनियों के नाम इस सूची में शामिल हैं।

बात अगर 1,000 करोड़ रुपये के सेगमेंट में आने वाली कंपनियों की करें तो इसमें 18 कंपनियों के नाम हैं। इन कंपनियों में अहमदाबाद स्थित हरीश आर. मेहता की कंपनी फोरएवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स प्राइवेट लिमिटेड (1,962 करोड़ रुपये), भगोड़ा शराब कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,943 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

अगर 1000 करोड़ रुपये से कम की श्रेणी की बात करें तो इसमें 25 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें व्यक्तिगत व कंपनी समूह भी हैं। इन पर कर्ज की रकम 605 करोड़ रुपये से 984 करोड़ रुपये तक है।

बैंकों को चूना लगाने वाले इन 50 बड़े विलफुट डिफाल्टर्स में छह ऐसे हैं, जो हीरा और सोने के आभूषण के कारोबार से जुड़े हैं।

Created On :   28 April 2020 11:00 PM IST

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