बहुत जल्द साइकल सर्विस भी देगी ओला, कर रही पायलट प्रोजेक्ट पर काम

very soon ola will be start cycle services
बहुत जल्द साइकल सर्विस भी देगी ओला, कर रही पायलट प्रोजेक्ट पर काम
बहुत जल्द साइकल सर्विस भी देगी ओला, कर रही पायलट प्रोजेक्ट पर काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वातावण को प्रदूषण फ्री बनाने में कैब कंपनियां आगे आ रही है। प्रचलित कैब कंपनी ओला, कुछ विकसित और विकासशील देशों में साइकल रेंटल सर्विस शुरू करने की तैयारी में हैं। बता दें कि ओला IIT कानपुर कैंपस में "ओला पेडल" नाम से साइकल रेंटल सर्विस का टेस्ट कर रही है। इस टेस्ट के अनुसार, "पूरे IIT कैंपस में 500-600 साइकिलें मौजूद हैं। स्टूडेंटस ओला ऐप के जरिए जिस तरह से कैब बुक करते हैं, उसी तरह से साइकल भी बुक कर किराए पर ले सकते हैं।"

 

कपंनी और इस प्रोजेक्ट में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि अगर यह शानदार प्रोजेक्ट सक्सेसफुल हो गया, तो आने वाले महीनों में ओला इस सर्विस का और बेहतर वर्जन पेश कर सकता है। उन्होंने बताया, "माना जा रहा है कि आज यूथ के बीच साइकल के लोकप्रिय होने की गुंजाइश है, लिहाजा आम लोगों के बीच इसे पॉप्युलर बनाने से पहले कॉलेज कैंपस में इस सर्विस का टेस्ट किया जाएगा।" उन्होंने कहा कि IIT कानपुर में पेश की गई ओला की मौजूदा साइकिलों में बेहतर सिक्यॉरिटी फीचर्स नहीं हैं, लेकिन अगले लॉट में क्यूआर कोड और जीपीएस ट्रैकिंग की व्यवस्था रहने की उम्मीद है। 

 

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के अंदर IIT कानपुर में बच्चों को ट्रायल रन के तहत 30 मिनट के लिए साइकिल की सवारी मुफ्त मुहैया कराई जाती है। ओला एग्जिक्युटिव ने बताया, "इस पर काफी सब्सिडी है, तो ओला पेडल सर्विस के रफ्तार पकड़ने तक यह स्टूडेंट की जरूरत पूरी करेगा। पहले 30 मिनट की मुफ्त सवारी के बाद अगले 30 मिनट के लिए कॉस्ट फिलहाल सिर्फ 5 रुपये है जो बहुत ही सस्ता है।" 

ओला की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है, "हमें देश के तमाम कैंपसों और शहरों में ओला पेडल में लोगों की काफी दिलचस्पी देखने को मिल रही है। हम आने वाले हफ्तों में अपने ऑफर का दायरा बढ़ाने को लेकर काम कर रहे हैं।" 


बेंगलुरू में स्टार्ट होगी हाइटेक साइकल फैसलिटी
 

बेंगलुरु की एक और साइकल शेयरिंग स्टार्टअप युलू की योजना इस महीने जीपीआरएस, जीपीएस और ब्लूटुथ से लैस साइकल सर्विस लॉन्च करने की है। इसके तहत यूजर्स युलू ऐप के जरिये क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर इसे अनलॉक कर पाएंगे और पेमेंट के लिए ऐप से डिजिटल वॉलिट भी लिंक्ड होगा। 

इस स्टार्टअप के को-फाउंडर और सीईओ अमित गुप्ता ने बताया, "भारत में साइकल शेयरिंग मार्केट 2020 तक 1 अरब डॉलर या इससे ज्यादा हो सकता है।" गुप्ता मोबाइल ऐडवर्टाइजिंग इनमोबी के भी को-फाउंडर रहे हैं।" चोरी और नुकसान पहुंचाए जाने के जोखिम को लेकर गुप्ता ने कहा, "टेक्नॉलजी के जरिए हर साइकिल सवार व्यक्ति पर इसके इस्तेमाल को लेकर नजर रखी जाएगी और इसमें लोग साइकिल की चोरी या इसके नुकसान को लेकर ज्यादा सावधानी बरतेंगे।" 

Created On :   4 Dec 2017 1:14 PM IST

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