वीडियोकोन लोन मामला: क्या चंदा कोचर को छोड़ना पड़ सकता है पद?

Videocon Loan Case: Will Chanda Kochar have to leave the post?
वीडियोकोन लोन मामला: क्या चंदा कोचर को छोड़ना पड़ सकता है पद?
वीडियोकोन लोन मामला: क्या चंदा कोचर को छोड़ना पड़ सकता है पद?


 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । वीडियोकॉन लोन मामले में अपने पति व देवर की कंपनी को कर्ज देने के मामले में फंसी ICICI बैंक की एमडी और सीईओ चंदा कोचर के पद पर बने रहने पर अब सवाल उठने लगे हैं। एक तरफ जहां देश के इस दूसरे सबसे बड़े बैंक के कुछ शेयरधारकों ने चंदा कोचर की भूमिका पर सवाल उठाए है, तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार भी इस महत्वपूर्ण बैंकिंग संस्थान की छवि को लेकर चिंतित हो रही है। 

चंदा कोचर के कार्यकाल को लेकर कोई भी फैसला लेना बैंक क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक या फिर ICICI बैंक के निदेशक मंडल के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस पर वित्त मंत्रालय का मानना है कि निजी क्षेत्र के बैंक ICICI बैंक के मामलों को देखना और उसके बारे में कोई फैसला लेना उसका काम नहीं है। हालांकि, एक नियामक के तौर पर रिजर्व बैंक इस मामले पर गौर कर सकता है। 

वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि ये देखना रिजर्वबैंक का काम है कि चंदा कोचर को ICICI बैंक की एमडी और सीईओ के पद पर बने रहना चाहिए अथवा नहीं। मंत्रालय ने कहा है कि नियामक और ICICI बैंक का निदेशक मंडल इस बारे में निर्णय लेने में सक्षम है। 

बैंक की बोर्ड मीटिंग में होगा फैसला

वहीं कुछ रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों की मानें तो चंदा कोचर को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि, इसका फैसला इस हफ्ते के अंत में होने वाली बैंक की बोर्ड मीटिंग के बाद होगा। दरअसल, चंदा कोचर के खिलाफ शुरू हुई इन्वेस्टिगेशन के बाद बोर्ड उनके आगे के कार्यकाल पर विचार कर सकता है। बोर्ड के कुछ डायरेक्टर्स इस पर विचार करने के लिए इस हफ्ते बैठक कर सकते हैं। वीडियोकॉन-ICICI बैंक लोन मामले से जुड़े दो लोगों ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि चंदा कोचर के पति और वीडियोकॉन ग्रुप के बीच बिजनेस डीलिंग मामले में जांच एजेंसियों को नई जानकारियां मिली हैं।

दीपक कोचर की वीडियोकॉन ग्रुप के साथ पार्टनरशिप और ग्रुप को दिए गए लोन और भ्रष्टाचार के मामले में CBI अभी जांच कर रही हैं। CBI  ने हाल ही में चंदा कोचर के देवर से भी पूछताछ की थी। मामले में लगातार हो रहे डेवलपमेंट को देखते हुए बैंक के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स और नियुक्त डायरेक्टर्स के बीच एक अनौपचारिक बैठक हो सकती है। बैठक में स्टाफ के मनोबल और निवेशकों को भरोसे को लेकर भी चर्चा हो सकती है। वहीं, बैंक अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड को चंदा कोचर पर पूरा भरोसा है और उनकी पोजिशन को लेकर भी कोई खतरा नहीं दिखता।

क्या है मामला? 

दिसंबर 2008 में वीडियोकॉन समूह के मालिक वेणुगोपाल धूत ने बैंक की सीईओ और एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और उनके दो संबंधियों के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर (जेवी) बनाया। इसके बाद इस कंपनी को सुप्रीम एनर्जी की तरफ से 64 करोड़ रुपए का लोन मिला जो कि धूत की कंपनी थी। बाद में इस कंपनी का मालिकाना हक महज 9 लाख रुपए में उस ट्रस्ट को सौंप दिया गया, जिसकी कमान दीपक कोचर के हाथों में थी। यहां बता दें दीपक कोचर, चंदा कोचर के पति हैं। अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे लेन-देन में चौंकाने वाला तथ्य ये है कि आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के छह महीने बाद दीपक कोचर कंपनी के वीडियोकॉन ग्रुप में स्थानांतरित कर दिया गया था। इस लोन का 86 प्रतिशत यानी लगभग 2,810 करोड़ रुपये की राशि को जमा नहीं किया गया। इसके बाद 2017 में वीडियोकॉन के अकाउंट को बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया गया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मामले में जांच एजेंसी धूत-कोचर-ICICI के बीच लेन-देन की जांच कर रही है। आपको बता दें कि हाल ही में चंदा कोचर को नीरव मोदी मामले में भी जांच एजेंसी ने पूछताछ के लिए समन जारी किया था। 
 

Created On :   10 April 2018 12:41 PM IST

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