चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, जून में हुई 5.77%

WPI inflation grows 5.77 percent in June reached 4.5-year high
चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, जून में हुई 5.77%
चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, जून में हुई 5.77%
हाईलाइट
  • जून में थोक महंगाई दर (WPI) 5.77% रही
  • जो कि 4 साल का सबसे उच्चतम स्तर है।
  • थोक महंगाई दर के जून माह के आंकड़े सोमवार को जारी किए गए।
  • मुख्य रूप से सब्जियों और ईंधन के दामों में बढ़ोतरी हुई है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। थोक महंगाई दर के जून माह के आंकड़े सोमवार को जारी किए गए। जून में थोक महंगाई दर (WPI) 5.77% रही, जो कि 4 साल का सबसे उच्चतम स्तर है। इससे पहले मई महीने में यह 4.43 फीसदी के स्तर पर बनी हुई थी। पिछले साल जून की बात करें, तो इस दौरान WPI 0.90 फीसदी के स्तर पर थी। मुख्य रूप से सब्जियों और ईंधन के दामों में बढ़ोतरी हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिजली और ईंधन क्षेत्र की महंगाई दर जून में बढ़कर 16.18% हो गई, जो मई में 11.22% थी। वहीं खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 1.80% रही जो मई में 1.60% थी।

 

 

 

खुदरा महंगाई दर में भी हुई थी बढ़ोतरी

इससे पहले खुदरा महंगाई दर के भी आंकड़े जारी किए गए थे। खाने-पीने का सामान सस्ता होने के बावजूद उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जून 2018 में बढ़कर 5 फीसदी के स्‍तर पर पहुंच गई थी। पांच महीने में ये सबसे ज्यादा थी। खाद्य पदार्थ की महंगाई दर जून में 2.91 फीसदी रही जो मई में 3.1 फीसदी थी। फ्यूल और इलेक्ट्रिसिटी की महंगाई दर जून में 7.14% पहुंच गई। मई में ये 5.8% थी। ट्रांसपोर्टेशन और कम्यूनिकेशन कॉस्ट की दर जून में 6.18% हो गई है। मई में ये 5.31% थी। खाने-पीने का सामान सस्ता हुआ है। इनकी दर 3.1% से घटकर 2.9% रही।

क्या होता है WPI इंडेक्स?
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) की गणना थोक बाजार में उत्पादकों और बड़े व्यापारियों द्वारा किये गए भुगतान के आधार पर की जाती है। इसमें उत्पादन के प्रथम चरण में अदा किये गए मूल्यों की गणना की जाती है। भारत में मुद्रा स्फीति की गणना इसी सूचकांक के आधार पर की जाती है।

क्या होता है CPI इंडेक्स?
CPI को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक कहा जाता है, जो रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।

Created On :   16 July 2018 12:12 PM GMT

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