किसानों की आमदनी बढ़ाने में जायद फसलें लाभकारी : तोमर

- किसानों की आमदनी बढ़ाने में जायद फसलें लाभकारी : तोमर
नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जायद सीजन में उत्पादित कृषि एवं बागवानी फसलें किसानों की आमदनी बढ़ाने में अहम साबित हो सकती हैं।
रबी और खरीफ सीजन के बीच गर्मी के मौसम में जिन फसलें लगाई जाती हैं, उन्हें जायद फसल कहते हैं। जायद सीजन में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख खाद्यान्नों के अलावा फलों और सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, जिनके लिए सिंचाई की जरूरत होती है।
सिंचाई की सुविधा होने पर किसान जायद फसल की अच्छी खेती कर पाते हैं जिससे उनकों अच्छा दाम भी मिलता है।
केंद्र सरकार ने हर खेत को पानी की संकल्पना के साथ 2015-16 में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) शुरू की थी, जिसके अंतर्गत देशभर में करीब 68.3 लाख हेक्टेयर भूमि को कवर किया जा चुका है। यह आंकड़ा शुक्रवार मंत्रालय द्वारा एक रिपोर्ट में पेश किया गया।
तोमर यहां भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान परिसर में शुक्रवार को राष्ट्रीय जायद कृषि अभियान व वाणिकी सम्मेलन-2020 में बोल रहे थे। इस मौके पर उन्होंने समुचित सिंचाई प्रबंध और उन्नत किस्म के बीजों का इस्तेमाल करके जायद वा बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है और इस दिशा में सरकार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने में बागवानी उत्पादक काफी मददगार हो सकती है। तोमर ने कहा कि तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने और खाद्य तेल के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
केंद्र सरकार किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिन उपायों पर जोर दे रही है उनमें फसलों की उत्पादन लागत कम करना और किसानों को उनकी फसलों का अच्छा दाम दिलाना शामिल है।
इस मौके पर राष्ट्रीय बीज निगम लिमिटेड की ओर से लाभांश के रूप में 12 करोड़ 39 लाख रुपये की राशि वितरित की गई।
कार्यक्रम में कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी भी मौजूद थे।
कैलाश चौधरी ने कहा कि कीटनाशक व रासायनिक खाद रहित जैविक तकनीक से उगाई जाने वाली सब्जियां सेहत के लाभदायक होती हैं। इसके लिए कृषि मंत्रालय जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रहा है।
इससे पहले कैलाश चौधरी ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के शाकीय विज्ञान (सब्जी) संभाग के अनुसंधान एवं प्रदर्शनी इकाइयों का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां पर सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीकियों एवं विभिन्न सब्जियों की उन्नत व पोषणयुक्त किस्मों तथा जैविक खेती का जायजा लिया।
संस्थान द्वारा किसानों के लिए कम दाम पर सब्जियों के बीजों के पैकेट उपलब्ध करवाए जाते हैं। संस्थान की ओर से फूलगोभी, बंदगोभी, ब्रोकली, गांठगोभी, गाजर, मेथी, बथुआ, सरसों, शलजम, मूली, प्याज एवं टमाटर आदि सब्जियों की उन्नत किस्में विकसित की गई हैं।
Created On :   17 Jan 2020 10:30 PM IST