जबलपुर: सस्ते का सौदा पड़ सकता है महँगा, प्रकृति को बचाने खरीदें मिट्टी की प्रतिमाएँ

सस्ते का सौदा पड़ सकता है महँगा, प्रकृति को बचाने खरीदें मिट्टी की प्रतिमाएँ
जलीय जीवों और पर्यावरण के लिए बहुत घातक हैं पीओपी की मूर्तियाँ, जागरूकता से ही रोकथाम संभव

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

गणेशोत्सव प्रारंभ होने में अब चंद ही रोज बचे हैं। बाजार भी प्रतिमाओं से सज गया है। प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएँ भी बड़ी संख्या में बाजार में मौजूद हैं। स्थानीय मूर्तिकारों का कहना है कि मिट्टी की प्रतिमाओं से प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएँ सस्ती होती हैं और इनकी फिनिशिंग भी अच्छी होती है। आकर्षक प्रतिमा और सस्ते के चक्कर में लोग इन्हें खरीदना पसंद करते हैं, जबकि ये प्रतिमाएँ जलीय जीवों के साथ पर्यावरण के लिए भी घातक होती हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि मिट्टी की प्रतिमा स्थापित करने से न केवल धार्मिक मान्यताएँ पूरी होंगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।

शहर भर में करीब एक लाख प्रतिमाएँ स्थापित की जाती हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें से 80 फीसदी प्रतिमाएँ बाहर से आती हैं। इनमें अधिकांश प्रतिमाएँ पीओपी से निर्मित होती हैं। इतनी बड़ी संख्या में पीओपी की प्रतिमाएँ पर्यावरण के लिए बेहद घातक हैं। स्थानीय मूर्तिकार प्रहलाद कहते हैं कि पीओपी से निर्मित प्रतिमाएँ हल्की और आकर्षक होती हैं। मिट्टी की प्रतिमाओं की तुलना में इनकी कीमत भी कम होती है, इसलिए लोग इन्हें ही खरीदना पसंद करते हैं। अब हालांकि कुछ व्यापारियों ने मिट्टी से बनी प्रतिमाएँ बेचने की पहल की है।

Created On :   16 Sep 2023 9:27 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story