जबलपुर: स्कूलों के आसपास नो-एंट्री टाइम में भी बेखौफ दौड़ रहे हाइवा-डम्पर

स्कूलों के आसपास नो-एंट्री टाइम में भी बेखौफ दौड़ रहे हाइवा-डम्पर
सुबह जिन सड़कों पर मासूम बच्चों की साइकिल और ऑटो गुजरते हैं उन्हीं के करीब से तेज रफ्तार से निकलकर दिल दहला देते हैं ये वाहन

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

रात 9 बजे के पहले और सुबह 6 के बाद किसी भी तरह से हाइवा, डम्पर और ट्रक, ट्रॉला जैसे बड़े वाहन शहर की सड़कों पर नहीं चलने चाहिए। नो-एंट्री में यदि कोई निर्माण संबंधी जरूरी वाहन नहीं है तो हर तरह से ऐसे वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है, पर शहर में इन दिनों हाइवा, डम्पर स्कूली टाइम पर भी बेखौफ दौड़ रहे हैं। उखरी तिराहा, एमआर फोर रोड व दीनदयाल चौक व ऐसे आसपास के प्रमुख चौराहों और तिराहों पर लदे हुए हाइवा स्कूली मासूम बच्चों की साइकिल व ऑटो के करीब से खौफ पैदा करते हुए निकल रहे हैं। आसपास के 5 से 7 किलोमीटर के एरिया में जितने भी चौराहे या तिराहे हैं, वहाँ इन दिनों इनको तेज रफ्तार से निकलते हुए आसानी से देखा जा सकता है। विशेष बात यह है कि परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस, जिनको इनको हर तरह से नियम का पालन कराना है, इन विभागों के अधिकारी इन पर कार्रवाई के नाम पर सालों से एक-सा रटा हुआ जवाब दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि नो-एंट्री टाइम पर इनका सड़कों पर आजादी के साथ दौड़ना बंद हो। सड़कों पर सहज ट्रैफिक मिले, इसके लिए इनके पास कोई प्लान नहीं है।

मासूमों की जान की चिंता नहीं

शहर से कुछ किलोमीटर दूर या फिर शहर के अंदर काॅलोनियों और भीतरी हिस्सों में स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन स्कूलों के लगने और छूटते वक्त औसत से ज्यादा वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं। पूर्व में कई हादसे भी हो चुके हैं। इस वक्त ट्रैफिक पर विशेष नजर रखी जानी चाहिए, लेकिन शहर में हो यह रहा है कि इसी समय हाइवा और डम्पर जैसे वाहन सड़कों पर प्रतिबंधित वक्त पर निकल रहे हैं। कुछ समय पहले तक यह सिलसिला कुछ थमा था, पर नगर निगम की बड़ी कचरा गाड़ियों को मिली छूट का फायदा उठाकर सभी तरह से गिट्टी और रेत लदे हाइवा, डम्पर सड़कों पर दौड़ने लगे हैं। परिजनों का कहना है कि जिम्मेदारों को मासूमों की जान की परवाह ही नहीं है। यदि जरा भी परवाह है तो इनको सख्ती के साथ समय रहते रोका जाना चाहिए।

न आरटीओ को सुध और न ही ट्रैफिक पुलिस को फिक्र

700-800 शहर में पंजीकृत बसें

6000-8000 हाइवा, डम्पर की संख्या

10000-12000 वैध और अवैध ऑटो

3500 से 4000 ई-रिक्शा की संख्या

90-100 सिटी बसों की संख्या

लगातार कार्रवाई कर रहे हैं

ऐसे सभी तरह के वाहनों पर हम लगातार कार्रवाई करते हैं। पिछले दिनों भी हमने कई ऐसे वाहन चालकों को पकड़कर उन्हें ट्रैफिक नियमों का पालन करने की समझाइश दी है। इसके अलावा जिन भी बड़े वाहनों में नंबर नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाती है और जल्द ही पुन: अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

-संतोष कुमार शुक्ला, डीएसपी, ट्रैफिक

Created On :   1 Dec 2023 10:23 AM GMT

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