डीआरआई सीमा शुल्क अधिनियम: अदालत ने डीआरआई द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र को जारी पत्र कर दिया है रद्द

अदालत ने डीआरआई द्वारा बैंक ऑफ महाराष्ट्र को जारी पत्र कर दिया है रद्द
कर्जदार के खिलाफ जांच का हवाला देकर कर्ज देने वाले को बकाया वसूलने से नहीं रोक सकता है - बॉम्बे हाई कोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने हाल ही में कहा कि राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) सीमा शुल्क अधिनियम के उल्लंघन का कर्जदार के खिलाफ जांच का हवाला देकर कर्ज देने वाले को बकाया वसूली से नहीं रोक सकता है। याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि डीआरआई के निर्देश से सरफेसी अधिनियम के तहत एक सुरक्षित कर्जदाता के रूप में उसका अधिकार बाधित हुई है। न्यायमूर्ति जी.एस.कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पी.पूनीवाला की खंडपीठ के समक्ष बैंक ऑफ महाराष्ट्र की ओर से वकील सार्थक उतंगले की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। डीआरआई की ओर से वकील जितेंद्र बी.मिश्रा और धनंजय देशमुख अदालत में पेश हुए।

खंडपीठ ने डीआरआई के याचिकाकर्ता (बैंक ऑफ महाराष्ट्र) को जारी उस पत्र को रद्द कर दिया, जिसमें उसे कहा गया था कि बिना उसके (डीआरआई) परामर्श के कर्जदार की संपत्ति पर कोई कार्रवाई न की जाए। खंडपीठ ने कहा कि यह स्पष्ट होगा कि याचिकाकर्ता द्वारा सरफेसी अधिनियम के तहत शुरू की गई वसूली को डीआरआई द्वारा सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 142(ए) का सहारा लेकर बाधित नहीं किया जा सकता है। कारण यह है कि धारा 142(ए) स्वयं एक प्रावधान है, जो सरफेसी अधिनियम के प्रावधानों को बचाता है। याचिकाकर्ता द्वारा कंपनी से अपना बकाया वसूलने के लिए कार्रवाई का सहारा लिया गया था।

याचिकाकर्ता बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने एरोवाना स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कर्ज दिया था। अगस्त 2015 में अपने खाते को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) घोषित करने के बाद बैंक ने बकाया वसूलने के लिए सरफेसी अधिनियम की धारा 14 के तहत कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। डीआरआई ने एक पत्र जारी कर याचिकाकर्ता से कहा कि तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित चल रही जांच पूरी होने तक डीआरआई से परामर्श किए बिना कर्जदार की संपत्ति के दस्तावेजों पर कोई कार्रवाई न करें।

इसके खिलाफ बैंक ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत से बैंक को सरफेसी अधिनियम के तहत कर्जदार के संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई। हालांकि अदालत ने विवादित पत्र में कंपनी के खिलाफ किसी भी सीमा शुल्क वसूली के संबंध में डीआरआई की सभी दलीलों को खुला रखा है।

Created On :   9 Feb 2024 4:30 PM GMT

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