कमीशनखोरी: डीपीसी की निधि में कमीशन पर बवाल

डीपीसी की निधि में कमीशन पर बवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला नियोजन समिति (डीपीसी) के बैठक एक साल बाद हुई। उसमें भी डीपीसी सदस्य और जिप पदाधिकारियों में कमीशन पर आरोप-प्रत्यारोप को लेकर जंग छिड़ गई है। डीपीसी सदस्य हर्षवर्धन निकोसे ने डीपीसी की बैठक में जिप पदाधिकारियों पर कमिशन तय हुए बिना कामों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया। जिप अध्यक्ष मुक्ता कोकड्डे ने पलटवार करते हुए निकोसे पर सरपंचों से 10 फीसदी कमीशन मांगने का पत्र परिषद में प्रत्यारोप किया।

आरोप : पदाधिकारी 5 से 7 फीसदी कमीशन मांगते हैं :सोमवार को विकासकार्यों को मंजूरी देने बुलाई गई बैठक में कमीशन पर बवाल हो गया। डीपीसी सदस्य निकोसे ने आरोप लगाया कि, जिला परिषद पदाधिकारी 5 से 7 फीसदी कमीशन मांगते हैं। उसके बिना कामों को मंजूरी नहीं दी जाती। जिप अध्यक्ष कोकड्डे ने निकोसे के आरोपों पर पलटवार किया।

प्रत्यारोप: सदस्य 10 फीसदी कमीशन मांगते हैं : उन्होंने कहा कि जिला परिषद सदस्यों के सर्कल में सरपंचों से मिलकर काम मंजूर करने के लिए निकाेसे 10 फीसदी कमिशन मांग रहे हैं। सरपंचों ने उनके पास शिकायतें की हैं। अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए जिला परिषद पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाकर प्रतिमा मलीन कर रहे हैं। काम के प्रस्ताव भी रखे जा रहे हैं, जिसे जिला परिषद ने मंजूरी देने का कोकड्डे ने दावा किया। जिला नियोजन समिति की बैठक में विकासकामों पर चर्चा अपेक्षित है। उसे आरोप-प्रत्यारोप का अखाड़ा बनाए जाने की टिप्पणी की। पत्र परिषद में वित्त सभापति राजकुमार कुसुंबे, कृषि सभापति प्रवीण जोध उपस्थित थे।

सप्रमाण सिद्ध करने की चुनौती

दावा सही है, तो सिद्ध करें : जिला परिषद पदाधिकारी कमीशन की मांग कर रहे हैं, यह निकोसे को सप्रमाण सिद्ध करना चाहिए। सिद्ध नहीं करने पर मानहानि दावा करेंगे। कुंदा राऊत, उपाध्यक्ष, जिला परिषद

Created On :   5 Jan 2024 8:09 AM GMT

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