आर्थिक संकट: 126 करोड़ रुपए का अनुदान अटका, पैसे - पैसे को मोहताज मनपा हुई नागपुर मनपा

126 करोड़ रुपए का अनुदान अटका, पैसे - पैसे को मोहताज मनपा हुई नागपुर मनपा
  • चर्चा यह कि वित्त मंत्री चुनाव में व्यस्त, हस्ताक्षर नहीं हुए
  • 141 करोड़ रुपए प्रतिमाह मनपा का खर्च
  • 15 करोड़ का जुगाड़ करना पड़ता है

डिजिटल डेस्क, नागपुर. राज्य सरकार से मनपा को जीएसटी अनुदान का प्रतिमाह 126 करोड़ रुपए का भुगतान होता है। इस अनुदान में रकम मिलाकर अधिकारियों के वेतन, पेंशन, बिजली बिलों का भुगतान होता है, लेकिन इस माह दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी मनपा को अनुदान का भुगतान नहीं हुआ है। इस माह अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए भी आपातकालीन फंड से 14.50 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ा है। मनपा के आला अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही भुगतान होने का आश्वासन वित्त विभाग के अधिकारियों ने दिया है। हालांकि जानकार सूत्रों के मुताबिक राज्य के वित्त मंत्री अजित पवार के राज्य भर में मनपा और नप फंड के अनुदानों की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं होने से मामला अटक गया है। वित्त मंत्री लोकसभा चुनावों में व्यस्त होने के चलते फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर पा रहे हैं।

मौजूदा स्थिति ऐसी है

इस मर्तबा पहले सप्ताह में जीएसटी अनुदान के रूप में 126 करोड़ की राशि में 8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 136 करोड़ रुपए का महानगरपालिका को भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में मनपा प्रशासन को खासा आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदारों के बिलों के भुगतान के साथ ही ईंधन भुगतान, बिजली बिल भुगतान के लिए मनपा को मशक्कत करना पड़ रहा है।

इसलिए आर्थिक संकट

जलसंपदा विभाग से पानी लेने, पेंच जल शुद्धिकरण केन्द्र के बिजली बिल के रूप में 8 करोड़ रुपए और स्ट्रीट लाइट बिल के रूप में 2.50 करोड़ समेत कुल 10 करोड़ का बिजली बिल भुगतान करना होता है। मनपा के वाहनों और अग्निशमन वाहनों के ईंधन खर्च के रूप में करीब 1 करोड़ रुपए, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन, पेंशन पर प्रतिमाह करीब 62 करोड़ रुपए खर्च होता है। ऐसे में प्रतिमाह के 141 करोड़ के खर्च में 126 करोड़ रुपए का अनुदान मिलने के बाद भी 15 करोड़ रुपए का जुगाड़ प्रशासन को करना पड़ता है।

अनुदान से ही कल्याण

महानगरपालिका प्रशासन का आर्थिक साल 2023-24 में वार्षिक बजट 3654.48 करोड़ रुपए का रहा है। करीब 1234.97 करोड़ का सुधारित बजट प्रावधान भी जोड़ा गया है। प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ के रूप में संपत्ति कर और करीब 300 करोड़ नगररचना विभाग के शुल्क के रूप में राशि जमा होती है, जबकि 1500 करोड़ के रूप में जीएसटी सानुग्रह अनुदान के रूप में राज्य सरकार से प्रतिमाह की 126 करोड़ रुपए की किस्त में मिलता रहा है।

8 फीसदी की अनुदान में बढ़ोतरी

राज्य सरकार से साल 2017 से प्रतिवर्ष 1500 करोड़ जीएसटी सानुग्रह अनुदान प्रतिमाह मनपा को मिलता है। प्रतिमाह करीब 126 करोड़ रुपए की किस्त में मिलती रही है। इस साल अप्रैल से 8 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ अब प्रतिमाह करीब 136 करोड़ रुपए मिलना है, लेकिन पहले ही माह में दो सप्ताह बीत जाने के बाद अनुदान की राशि नहीं मिल पाई है।

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307 करोड़ की वसूली

इस मर्तबा मनपा कर विभाग को 300 करोड़ का कर संकलन का लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन 31 मार्च तक 302 करोड़ से अधिक का कर संकलन हुआ है, अंतिम आंकड़ेवारी के मुताबिक 307 करोड़ तक कर संकलन पहुंच गया है।

उपसचिव स्तर के अधिकारियों को जानकारी दी

सदाशिव शेलके, मुख्य लेखा एवं वित्त अधिकारी, मनपा के मुताबिक जीएसटी अनुदान के भुगतान में देरी को लेकर वित्त विभाग के उपसचिव स्तर के अधिकारियों को जानकारी दी गई है। अधिकारियों के मुताबिक 31 मार्च के समापन होने और नए आर्थिक वर्ष के अपग्रेडेशन प्रक्रिया के चलते अनुदान भुगतान में देरी हो रही है। इसके साथ ही लगातार अवकाश होने से भी बैंकिग व्यवहार में दिक्कत हो रही है। अगले सप्ताह भर में भुगतान होने की संभावना है।


Created On :   15 April 2024 10:20 AM GMT

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