नृत्य नाटिका: श्री राम के जीवन पर आधारित हिंदी नृत्य-संगीत नाटक से कलाकारों ने जीवंत किया प्रभु श्रीराम का जीवन

श्री राम के जीवन पर आधारित हिंदी नृत्य-संगीत नाटक से कलाकारों ने जीवंत किया प्रभु श्रीराम का जीवन
  • 30 स्थानीय कलाकारों ने नाट्य मंचन किया
  • नाटक की शुरुआत राम के बचपन से हुई
  • दर्शकों ने तालियों से नाटक की सराहना की

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भगवान श्री राम के जीवन पर आधारित हिंदी नृत्य-संगीत नाटक "राम' का मंचन किया गया। इतिश्री आर्ट्स और रणशिंग, नागपुर द्वारा निर्मित नाटक "राम' का पहला और प्रदर्शन लक्ष्मी नगर स्थित साइंटिफिक ऑडिटोरियम में किया गया। 30 स्थानीय कलाकारों ने नाट्य मंचन किया।नाटक की परिकल्पना प्रफुल्ल माटेगांवकर द्वारा की गई है और दीपाली घोंगे द्वारा लिखित और निर्देशित है। नृत्य निर्देशन प्रियंका अभ्यंकर और श्रीकांत धबड़गांवकर ने किया है। नाटक में पृष्ठभूमि संगीत शैलेश दानी और सारंग जोशी का है, दृश्यावली स्वप्निल बोहटे की है और प्रकाश व्यवस्था किशार बत्तासे की है।

दर्शकों ने बिना रुके बजाई तालियां : नाटक की शुरुआत शंख ध्वनि और ऋषि वाल्मीकि द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हुई। नाटक की शुरुआत राम के बचपन से होती है। इसके अलावा भगवान राम के जीवन की हर घटना को सटीक और आकर्षक बनाए रखने का प्रयास किया गया। राम के अवर्णनीय प्रेम का अनुभव नाट्य के प्रत्येक प्रसंग में देखने को मिला। यही वह अवसर था, जब रावण का उन्माद शुरू होता है, तब राक्षसों का संहार करने वाले भगवान श्री राम प्रकट होते हैं और अपना पहला दर्शन देते हैं। दर्शकों ने तालियों से नाटक की सराहना की।

राम को खोजने का प्रयास : प्रफुल्ल माटेगावकर और दीपाली घोंगे ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के बाद से हिंदुत्व के प्रति प्रेम और राम राज्य के प्रति आशावाद बढ़ रहा है। यह संगीतमय नृत्य नाटिका हमारे भीतर के राम को खोजने का एक प्रयास है। इस प्रयोग की शुरुआत वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश एदलाबादकर की नटराज पूजा से हुई। कार्यक्रम में काफी दर्शक उपस्थित थे।

Created On :   14 April 2024 10:09 AM GMT

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