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पुस्तक महोत्सव: बच्चों के लिए ज्ञान और मनोरंजन का अनोखा मेला, सबसे बड़े बुक फेस्टिवल का बढ़ रहा क्रेज

- धोकर फिर से उपयोग होने वाली किताबें
- छोटे आकार की श्रीमद भागवत गीता
Nagpur News. आयोजित पुस्तक महोत्सव इस वर्ष कुछ खास लेकर आया है। आमतौर पर पुस्तक मेले में बड़ों की किताबें ही ज्यादा देखने मिलती हैं, पर इस बार बच्चों की रुचि और नई पीढ़ी की सीख पर खास ध्यान देते हुए अलग-अलग तरह की किताबें, कॉमिक्स और नए इनोवेटिव स्टॉल लगाए गए हैं। महोत्सव के मुख्य हॉल में बच्चों का उत्साह देखते ही बनता है। यहां पर हैरीपॉटर, बार्बी, चम्पक, रैपंजेल, पंचतंत्र की कहानियों के साथ-साथ आज की पीढ़ी को पसंद आने वाली नई जमाने की कॉमिक्स भी बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, हॉरर, एडवेंचर सभी प्रकार की कॉमिक्स रखी गई हैं। पुस्तक महोत्सव में पहली बार कुछ ऐसी किताबें भी शामिल की गई हैं, जो हाल ही में देशभर में इंवेंट की गई हैं और नागपुर में पहली बार प्रदर्शित हो रही हैं।
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राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय
इस बार महोत्सव का मुख्य केंद्र बना है राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय का स्टॉल। स्टॉल पर लिखा स्लोगन ‘राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय: व्हेयर क्नॉलेज इज फ्री’ लोगों को अपनी ओर खींच रहा है। यह एक ऐसा डिजिटल एप्लिकेशन है, जिसमें भारत की 22 भाषाओं और अंग्रेजी में किताबें उपलब्ध हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर उम्र के बच्चों में पढ़ने की आदत बढ़े। एप की खास बातें ऐसी हैं कि वेब प्लेटफॉर्म पर 5000 से अधिक किताबें उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय की रीजनल एंगेजमेंट ऑफिसर मुस्कान ने बताया कि आज के समय में हर कोई किताबें साथ लेकर नहीं चल सकता, लेकिन मोबाइल हर हाथ में है। इसी वजह से यह इनिशिएटिव शुरू किया गया है। अब तक देश के 7-8 राज्यों में इस एप का प्रचार पुस्तक महोत्सवों के माध्यम से किया जा चुका है।
धोकर फिर से उपयोग होने वाली किताबें
प्रदर्शनी में एक स्टॉल माता-पिता का ध्यान खींच रहा है। यहां पर ‘वॉशेबल बुक्स’ उपलब्ध हैं। ऐसी किताबें जिन्हें आप धोकर, पोंछकर बार-बार इस्तेमाल कर सकते हैं। इन किताबों को राकेश कुमार गुप्ता ने डिज़ाइन और इंवेंट किया है, ताकि बच्चों को पढ़ाते समय किताबें जल्दी खराब न हों। इन किताबों पर पेंसिल, स्केच पेन, चॉक, मार्कर से लिखा जा सकता है, और फिर आसानी से मिटाया जा सकता है। किताबें फटती भी नहीं हैं और लंबे समय तक टिकाऊ हैं।
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छोटे आकार की श्रीमद भागवत गीता
प्रदर्शनी में डेढ़ बाय दो इंच आकार की छोटीसी श्रीमद भागवत गीता लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इसका उद्देश्य है। अधिक से अधिक लोग गीता पढ़ सकें और इसे आसानी से समझ सकें। इसी स्टॉल पर एक अनोखा इको-फ्रेंडली पेन भी उपलब्ध है। पेन खत्म हो जाने पर इसे मिट्टी में गाड़ देने से कुछ दिनों में गुलाब का पौधा उग आता है। यह स्टॉल अरुण सिक्का संचालित कर रहे हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं।
2 बाय 3 इंच के आकार में चार वेद
यहां 2×3 इंच के अत्यंत छोटे आकार में चारों वेद उपलब्ध कराए हैं। यह किताबें लोग अपने घर में पूजनीय स्वरूप के रूप में रखने या उपहार देने के लिए खरीद रहे हैं। यह स्टॉल संजीव आर्य चला रहे हैं, जबकि नागपुर के सदर क्षेत्र से प्रभात नायक भी इसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
मुलांचे मासिक
बच्चों हेतु एक विशेष स्टॉल भी लगाया गया है ‘मुलांचे मासिक’। इस मराठी मासिक में मनोरंजन, ज्ञान, शिक्षाप्रद कहानियाँ। बाल साहित्य सब शामिल है। यह मासिक पिछले 98 वर्षों से नागपुर में निरंतर प्रकाशित हो रहा है और बच्चों में बेहद लोकप्रिय है। इसका संपादन जयंत मोडक करते हैं तथा वही इस स्टॉल का संचालन भी कर रहे हैं।
Created On :   27 Nov 2025 6:34 PM IST












