Nagpur News: सीएसआईआर नीरी ने केकेएसयू में स्थापित किया सीएफएसएसटी सयंत्र

सीएसआईआर नीरी ने केकेएसयू में स्थापित किया सीएफएसएसटी सयंत्र
अपशिष्ट जल को निर्वहन मानकों के अनुरूप किया जाता पुर्नजीवित

Nagpur News स्थायी स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में सीएसआईआर–राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर नीरी) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सीएसआईआर नीरी ने कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय (केकेएसयू) रामटेक परिसर में 1000 लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला कम्पैक्ट फीकल स्लज सेप्टेज सेपरेशन एंड ट्रीटमेंट (सीएफएसएसटी) संयंत्र स्थापित किया है। यह योजना सीएसआईआर फास्ट ट्रैक कमर्शियलाइजेशन (एफटीसी) अंतर्गत ई30 डब्ल्यू योजना के तहत तैयार की गई है। इस संयंत्र का उद्घाटन सीएसआईआर नीरी के निदेशक डॉ. एस. वेंकट मोहन, कवि कुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अतुल एन. वैद्य ने किया।

इसलिए विशेष है सीएफएसएसटी तकनीक सीएफएसएसटी एक कॉम्पैक्ट, कम ऊर्जा से संचालित होनेवाली प्रकृति आधारित तकनीक है जो मल व कीचड़ के विकेन्द्रीकृत और वैज्ञानिक उपचार के लिए विकसित की गई है। इसमें घटकों व पौधों की सहायता से ठोस और तरल का पृथक्करण किया जाता है। इसके बाद उपचार की श्रृंखला के रूप में अपफ्लो एनएरोबिक बैफल्ड रिएक्टर, कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड, अपफ्लो डुअल मीडिया फिल्ट्रेशन, कीटाणुशोधन प्रणाली आदि के माध्यम से अपशिष्ट जल को राष्ट्रीय निर्वहन मानकों के अनुरूप सुरक्षित बनाया जाता है। उपचारित जल का उपयोग चारा उत्पादन, बागवानी, पुष्पकृषि, सफाई कार्यों और जल निकायों के पुनर्जीवन में किया जा सकता है। वहीं स्थिर ठोस पदार्थों को कृषि और मिट्टी पोषण के लिए उत्कृष्ट खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है।

सीएसआईआर नीरी का महत्वपूर्ण योगदान : यह तकनीक एसडीजी-6 स्वच्छ जल और स्वच्छता, एसडीजी-11 सतत शहर और समुदाय के लक्ष्यों की पूर्ति करती है। भारत सरकार ने इस तकनीक को सीएसआईआर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कमिटमेंट्स 2030 में शामिल किया है। यह राष्ट्रीय स्वच्छता मिशनों में सीएसआईआर नीरी के महत्वपूर्ण योगदान की उपलब्धि है। इस तकनीक को डॉ. रितेश विजय, इंजीनियर अभिषेक बिसार्य, इंजीनियर आकाश पटवा और इंजीनियर सत्येंद्र की टीम ने विकसित और क्रियान्वित किया है। उद्घाटन अवसर पर सीएसआईआर नीरी के वरिष्ठ अधिकारी प्रशासन नियंत्रक राजीव कुमार वर्मा, वित्त एवं लेखा नियंत्रक भास्कर रवि, क्रय एवं भंडार अधिकारी एस.पी. मेहता, बीडीपीएम प्रभारी डॉ. सुनिता शास्त्री, ईएसयू प्रभारी इंजीनियर एम. कार्तिक समेत वेस्टवॉटर मैनेजमेंट सब वर्टिकल टीम उपस्थित थी। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के निदेशक प्रो. हरेकृष्ण आगस्ती, रजिस्ट्रार डॉ. रोशन अलोन, उप अभियंता संतोष वाडिकर, बीपीडी निदेशक प्रो. प्रसाद गोखले उपस्थित थे।


Created On :   28 Nov 2025 2:56 PM IST

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