30 लाख की फिरौती: ड्यूटी से लौट रही युवती का अपहरण - आरोपी गिरफ्तार, वेबसीरीज देखकर रची साजिश

ड्यूटी से लौट रही युवती का अपहरण - आरोपी गिरफ्तार, वेबसीरीज देखकर रची साजिश
  • बेटी जिंदा चाहिए तो 30 लाख तैयार रखो
  • वेबसीरीज देखकर बनाई अपहरण की योजना
  • आरोपियों ने खुद को बताया एनआईए अधिकारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर. एक युवती का अपहरण कर 30 लाख रुपए की फिरौती मांगने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम स्वप्निल मरसकोल्हे (25) और चेतना बुरडे (23) भंडारा निवासी है। दोनों प्रेमी युगल बताए जा रहे हैं। इन्होंने जिस युवती का अपहरण करने की साजिश रची थी, वह अभियंता है। घटना के दिन वह ड्यूटी से घर जा रही थी। इस दौरान दोनों ने पिस्तौल का डर दिखाकर युवती का अपहरण किया। दोनों आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें 27 मार्च तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।

बेटी जिंदा चाहिए तो 30 लाख तैयार रखो

अपह्रत युवती के मोबाइल से उसके पिता को फोन कर धमकी दी कि ‘ बेटी जिंदा चाहिए तो तीस लाख रुपए तैयार रखो। बेटी के अपहरण व धमकी से पिता के होश उड़ गए। उन्होंने फौरन पुलिस से मदद मांगी। प्रतापनगर पुलिस और अपराध शाखा पुलिस के दस्ते ने तकनीक के आधार पर उनकी बेटी के मोबाइल का लोकेशन निकालकर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से उसे छुड़ा। दाेनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।

वेबसीरीज देखकर बनाई अपहरण की योजना

आरोपियों ने वेबसीरीज देखकर युवती के अपहरण की साजिश रचने की जानकारी पुलिस को दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी स्वप्निल और चेतना ने बीएससी किया है। दोनों दो वर्ष से महाजनवाड़ी, एमआईडीसी में ‘लिव इन रिलेशनशिप’ में रहते हैं। स्वप्निल एमआईडीसी में एक कंपनी में काम करता है। वेतन कम होने के कारण उसे पैसे की जरूरत थी। क्राइम वेब सीरीज देखकर उसने युवती के अपहरण की योजना बनाई। एक माह से वे ‘शिकार’ की तलाश में थे। पीड़िता कम्प्यूटर इंजीनियर है। वह भी एमआईडीसी की एक कंपनी में काम करती है। गत चार दिनों से वे इस युवती का अपहरण करने की फिराक में थे।

आरोपियों ने खुद को बताया एनआईए अधिकारी

गत बुधवार 20 मार्च को रात में युवती ड्यूटी से घर जाने के लिए निकली। योजना के अनुसार चेतना ने उसे रास्ते में रोका। पिस्तौल दिखाते हुए कहा कि हम एनआईए (नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी) के अधिकारी हैं। एनआईए की नोटिस दिखाते हुए कहा कि तुम्हारी जांच करनी है। इसके बाद अपहरण कर उसे महाजनवाड़ी के एक मकान में ले जाकर कमरे के अंदर बंधक बना लिया।

ऐसे हुआ घटना का पर्दाफाश

अपहृत युवती के पिता की शिकायत पर पुलिस ने उसके अपहरण का मामला दर्ज किया। पुलिस ने घटनास्थल के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज व मोबाइल तकनीक का विश्लेषणात्मक परीक्षण किया। अपहृत युवती के मोबाइल से लिंक लैपटाप की ‘लोकेशन हिस्ट्री’ जांच की गई। उसका आखिरी लोकेशन हिंगना, एमआईडीसी परिसर दिखाई दिया। अलग- अलग दस्ते ने उस इलाके पर ध्यान केंद्रित कर खोजबीन शुरू की। अंतत: युवती को महाजनवाड़ी के उक्त मकान के कमरे से छुड़ाया गया। इस मामले में प्रतापनगर पुलिस ने धार 364-अ, 392, 34 सहधारा 3, 25 के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया।

भोजपुरी बोलने के लिए गूगल ट्रांसलेटर की ली मदद

दोनों आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए भोजपुरी / हिंदी भाषा का उपयोग किया। इसके उन्होंने गूगल ट्रांसलेटर की मदद ली। दोनों ने अपने वाहन की नंबर प्लेट तक बदल दी थी। आरोपियों ने युवती से करीब 62 हजार 500 रुपए के सोने के गहने छीन लिए, जो उसने पहना था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल, अपह्रत युवती का मोबाइल, दो दोपहिया वाहन व एटीएम कार्ड सहित करीब 2 लाख 2 हजार 500 रुपए का माल जब्त किया है। पुलिस आयुक्त रवींद्र कुमार सिंगल, सहपुलिस आयुक्त अस्वती दोरजे, अपर पुलिस आयुक्त डाॅ. शिवाजी राठोड, उपायुक्त निमित गोयल, अनुराग जैन, सहायक पुलिस आयुक्त डाॅ. अभिजीत पाटील व सहायक पुलिस आयुक्त हेमंत शिंदे के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। प्रतापनगर के थानेदार रणजीत सांवत, द्वितीय पुलिस निरीक्षक हरीशकुमार बोराडे के नेतृत्व में सहायक पुलिस निरीक्षक हेमंत चौधरी, अतुल कदम, उपनिरीक्षक संतोष राठोड, हवलदार दिनेश भोगे, नीलिमा बोरकर, सिपाही अंकुश कनोजिया, ॲलेक्स डिक्रुज ,सिपाही बिजय आडे, रोहित मताले, यूनिट 1 के पुलिस निरीक्षक सुहास चौधरी व अन्य ने कार्रवाई की।


Created On :   24 March 2024 9:38 AM GMT

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