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Nagpur News: पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बोट सफारी खटाई में, जून में होनी थी शुरू अब तक ठिकाना नहीं

- सिंचाई विभाग ने नहीं दी अनुमति
- बोट को अभी तक पानी में नहीं उतारा जा सका
Nagpur News पेंच व्याघ्र प्रकल्प में बोट सफारी को जून महीने में साकार करना था। सिंचाई विभाग की अनुमति नहीं मिलने के कारण बोट को अभी तक पानी में नहीं उतारा जा सका। अब यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में जाते दिख रहा है। नागपुर का पेंच व्याघ्र प्रकल्प पूरे देश के लिए आकर्षण का केन्द्र है। 789 वर्ग किमी में फैले इस जंगल के दायरे में 50 बाघ व इससे ज्यादा तेंदुए हैं। अन्य वन्यजीवों में हिरण, नीलगाय, बारहसिंगा, लोमड़ी, मगरमच्छ आदि शामिल हैं। हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। बीते साल एक लाख से ज्यादा पर्यटकों ने सिल्लारी, कोलितमारा, खुबाडा, पवनी, खुर्सापार आदि गेट पर दस्तक दी।
ऐसी है योजना : जिप्सी में बैठकर हरियाली से सराबोर इस जंगल में वन्यजीवों का दीदार एक अच्छा अनुभव है। पर्यटक व पर्यावरण प्रेमी यह अनुभव भूल नहीं सकते हैं। इसे और रोचक व रोमांतक बनाने के लिए पेंच प्रशासन पानी में सफारी कराने के दिशा में काम कर रहा है। सोलर पावर बोट के माध्यम से पर्यटकों को कोलितमारा से नवेगांव खैरी तक 23 किमी ढाई घंटे तक सफारी कराने की योजना है। एक बोट में 24 पर्यटकों को जगह मिलने वाली है। दो बोट में एक बार में 48 पर्यटक इस सफारी का लुत्फ उठा सकते हैं। वन विभाग ने जून में इसे शुभारंभ करने का आश्वासन दिया था। ऐसे में बारिश में भी पर्यटकों को जंगल घूमने का मौका मिलने वाला था। इसकी टेंडर प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है, पर मामला ठंडे बस्ते में जाते दिख रहा है।
वन्यजीवों को देखना आसान होगा : वर्तमान में जंगल सफारी के दौरान कई बार पर्यटकों को मायूस होना पड़ता है। कारण बाघ के दर्शन बहुत कम होते हैं। जंगल के बढ़ी घास के पीछे छुपे बाघ आसानी से नजर नहीं आते हैं। बोट सफारी से यह संभव था। पानी के किनारे अक्सर बाघ से लेकर विभिन्न वन्यजीव आते-जाते रहते हैं। पेंच में 50 के करीब मगरमच्छ भी हैं। बोट सफारी से उनका भी दीदार होना अलग अनुभव रहने वाला हो सकता है।
तैयारी पूरी है : तैयारी पूरी है, केवल सिंचाई विभाग की अनुमति न मिलने के कारण बोट सफारी शुरू नहीं हो सकी है। -किशोर मानकर, क्षेत्र संचालक, पेंच व्याघ्र प्रकल्प नागपुर
Created On :   27 Jun 2025 12:15 PM IST