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Nagpur News: हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वरदान, विशेषज्ञों ने दी जानकारी

- टेक नेक्स्ट के हीलिंग रीइनवेंटेड सत्र में विशेषज्ञों ने दी तकनीकी जानकारी
- हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वरदान
Nagpur News. अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे यात्रियों के लिए हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (एचबीओटी) एक प्रभावी और जीवनरक्षक तकनीक बनकर सामने आ रही है। कैलाश मानसरोवर यात्रा जैसे दुर्गम स्थलों पर यह तकनीक यात्रियों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है। सुनील बजाज ने कही। वे टेक नेक्स्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित सत्र ‘हीलिंग रीइनवेंटेड: द टेक बिहाइंड हाइपरबेरिक चैंबर्स’ में वक्ता के रूप में बोल रहे थे। बजाज ने बताया कि पोर्टेबल हाइपरबेरिक चैंबर्स विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए तैयार किए गए हैं, जहाँ वायुमंडलीय ऑक्सीजन का स्तर अत्यंत कम होता है। उन्होंने कहा कि ये चेंबर आकार में छोटे होते हैं, लगभग एक बड़े बक्से के जैसे, लेकिन इनका चिकित्सकीय प्रभाव अत्यंत व्यापक होता है। जब किसी व्यक्ति को इसमें रखा जाता है और करीब 2 पीएसआई (पाउंड प्रति वर्ग इंच) का दाब बनाया जाता है, तो उसके फेफड़े सामान्य स्थिति की तुलना में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन को अवशोषित करने लगते हैं, जिससे शरीर को तुरंत लाभ पहुंचता है।
सत्र के दौरान बताया गया कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी वास्तव में कैसे कार्य करती है। साथ ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, बैटरी चालित पोर्टेबल ऑक्सीजन किट और उनके विविध चिकित्सकीय उपयोगों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन महेंद्र गिरधर ने किया। यह सत्र आधुनिक चिकित्सा तकनीकों की जानकारी और उनके व्यावहारिक उपयोगों को समझने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Created On :   25 Jun 2025 6:41 PM IST