सुविधा: एओआई में अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन, गंभीर बीमारी के मरीजों को मिल सकेगा लाभ

एओआई में अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन, गंभीर बीमारी के मरीजों को मिल सकेगा लाभ
  • सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की घातक बीमारियों पर कंट्रोल
  • विश्व कैंसर दिवस पर हुआ शुभारंभ
  • मशीन को वेरियन हैल्सियॉन ई मशीन के नाम से जाना जाता है

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एमआईडीसी हिंगना स्थित नांगिया स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अमेरिकन ऑन्कोलॉजी इंस्टिट्यूट (एओआई) में विश्व कैंसर दिवस पर अत्याधुनिक रेडियोथेरेपी मशीन का शुभारंभ किया गया। मशीन को वेरियन हैल्सियॉन ई मशीन के नाम से जाना जाता है। यह विदर्भ की पहली एडवांस रेडियोथेरेपी मशीन बताई गई है। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के हाथों मशीन का उद्घाटन किया गया। यह मशीन सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम की घातक बीमारियों वाले रोगियों के लिए क्रैनियोस्पाइनल इरेडिएशन (सीएसआई) जैसी क्रिटिकल तकनीकों को और आसान बनाता है। इस अवसर पर सीटीएसआई-साउथ एशिया के सीईओ हरीश त्रिवेदी, एओआई के रीजनल चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉ. अमित धवन ने अपने विचार रखे।

कैंसर : मानव श्रृंखला बनाकर किया जागरूक : राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज क्षेत्रीय कैंसर अस्पताल में रविवार को विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मानव श्रृंखला रैली से हुई। इसमें 150 विद्यार्थियों ने कैंसर के प्रति जागरूकता का संदेश दिया। इसमें लक्षण, बचाव, उपचार आदि के संदेश पोस्टर के माध्यम से दिए गए। पोस्टर बनाने वाले 5 विद्यार्थियों को और 12 कैंसर रोगियों को सम्मानित किया गया। चिकित्सा समन्वयक डॉ. विशाल कडू, उप चिकित्साा अधीक्षक डॉ. प्रशांत सोमकुंवर ने कैंसर के प्रकार व और उपचार के बारे में जानकारी दी। अस्पताल के निदेशक डॉ. करतार सिंह ने सभी मान्यवरों का स्वागत किया। कार्यक्रम में दिनेश गर्ग, एम. जी. जवंजर, ज्योतिंदर पटेल, दिलीप छाजेड, अनिल मालवीय ने विचार रखे। संचालन व आभार प्रदर्शन डॉ. बी. के. शर्मा ने किया।

देश की प्रगति के लिए नैतिकता जरूरी : हर नागरिक को अपने लक्ष्य, कर्म और कर्तव्य में नैतिकता को सर्वोपरि रखना चाहिए, तभी उसकी व देश की प्रगति संभव हो सकेगी। ऐसा करने के लिए देश में नैतिकता का प्रचार जरूरी है। यह उद्गार घनश्याम कुकरेजा ने विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के कार्यक्रम "संवाद’ में साहित्यकार डॉ. सागर खादीवाला से खुलकर बातचीत करते हुए व्यक्त किए।

बच्चों को मोबाइल न दें : कुकरेजा ने विभाजन की त्रासदी से लेकर आज तक अपने जीवन में आए विभिन्न उतार-चढ़ाव और संस्मरणों का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की बाधा या समस्या क्यों न हो, यदि विवेकपूर्वक डटकर उसका सामना किया जाए, तो हर बाधा दूर हो सकती है। छोटे बच्चों में मोबाइल की लत के प्रति विशेष चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने सभी से अपील की कि बच्चों के हाथ में मोबाइल न दिया जाए, क्योंकि मोबाइल की आदत उनमें गंभीर विकृतियां उत्पन्न कर सकती है। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Created On :   6 Feb 2024 9:28 AM GMT

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