टीएचसीआरपी के तहत विदर्भ के पांच वर्षों में 25 हजार आदिवासी हुए लाभान्वित

टीएचसीआरपी के तहत विदर्भ के पांच वर्षों में 25 हजार आदिवासी हुए लाभान्वित
  • 68 गांवों की अब तक 39,336 आदिवासी आबादी को कवर किया
  • टीएचसीआरपी के तहत विदर्भ के पांच वर्षों में हुए लाभान्वित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. जनजातीय स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान कार्यक्रम (टीएचसीआरपी) के तहत पिछले पांच वर्षों के दौरान महाराष्ट्र में नागपुर, चंद्रपुर और गढ़चिरौली जिलों के 68 गांवों की अब तक 39,336 आदिवासी आबादी को कवर किया गया है और 25,435 को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान की गई है। राज्यसभा सदस्य डॉ फौजिया खान द्वारा राज्य में जनजातीय स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान कार्यक्रम के कार्यान्वयन को लेकर पूछे सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह जानकारी दी है।

केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने जनजातीय लोगों के कल्याण के लिए जनजातीय उप योजना (टीएसपी) के तहत जनजातीय स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान कार्यक्रम कार्यान्वित किया जा रहा है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से परिषद, अनुसूचित जनजाति समुदाय को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं और आकस्मिक चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रही है। इसके अलावा इस कार्यक्रम के तहत जनजातीय आबादी के बीच स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं (एलएचटी) और लोकगीत दावों का भी दस्तावेजीकरण किया जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कुल एलएचटी दावों और नागपुर तथा वर्धा वन्य प्रभागों के जनजातीय क्षेत्रों में मेडिको एथनो वानस्पतिक सर्वेक्षण के तहत कुल 297 स्थानीय स्वास्थ्य परंपराओं और लोकगीतों के दावों का दस्तावेजीकरण किया गया है।

इन लोकगीतों के दावों की आगे वैज्ञानिक जांच के बाद उन्हें उनकी विशिष्टता के लिए मान्य किया जाएगा।


Created On :   6 Feb 2024 1:42 PM GMT

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