समारोह: भ्रष्टाचार अब नौकरी का ‘पासवर्ड’ नहीं, सीधे जेल जाने का रास्ता है : धनखड़

भ्रष्टाचार अब नौकरी का ‘पासवर्ड’ नहीं, सीधे जेल जाने का रास्ता है : धनखड़
  • भ्रष्टाचार अब प्रशासन को निर्देशित नहीं करता
  • भारत वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा
  • एनएडीटी में आईआरएस के 76वें बैच के दीक्षांत समारोह में बोले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दावा किया कि सत्ता के गलियारों से भ्रष्ट तत्वों का सफाया कर दिया गया है और भ्रष्टाचार अब अवसर, नौकरी या अनुबंध मिलने का ‘पासवर्ड’ नहीं है, बल्कि जेल जाने का रास्ता है।

भ्रष्टाचार अब प्रशासन को निर्देशित नहीं करता : राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (एनएडीटी) में भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 76वें बैच के दीक्षांत समारोह को प्रमुख अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भ्रष्टाचार अब प्रशासन को निर्देशित नहीं करता। भारत वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जी-20 की अध्यक्षता के दौरान, हम वैश्विक शक्ति की आवाज बन गए।

पेशेवर आचरण में ईमानदारी बनाए रखें उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि कर प्रणाली अब आश्चर्यजनक रूप से बेहतर है, जिसे कर संग्राहकों से कर सुविधा प्रदाताओं में बदल दिया गया है। त्वरित ‘रिफंड’ और चिंताओं का समय पर समाधान से करदाता संतुष्ट हैं। उपराष्ट्रपति ने अधिकारियों से सामूहिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा, -"करदाताओं को जानकारी के साथ सशक्त बनाएं, पारदर्शिता के माध्यम से अधिक विश्वास अर्जित करें और अपने पेशेवर आचरण में ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष नितीन गुप्ता ने स्वागत भाषण में बोर्ड के विकास के बारे में बताया। एनएडीटी प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालक लैना बालन ने 76 वीं बैच के प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षु प्रिया सिंह ने किया।

औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत : उन्होंने कहा कि 1991 में भी भारत की अर्थव्यवस्था पेरिस और लंदन जैसे शहरों से छोटी थी, लेकिन आज भारत की अर्थव्यवस्था फ्रांस और ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था से काफी आगे है। दो साल में देश जापान और जर्मनी से आगे निकल सकता है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसकी औसत जीडीपी वृद्धि दर 6.5 से 7 प्रतिशत है। भारत अब आशा और संभावनाओं की भूमि है, निवेश और अवसर का एक पसंदीदा वैश्विक गंतव्य है तथा यह खुद को भविष्य की वैश्विक महाशक्ति के रूप में तैयार कर रहा है।

सुनीता मीणा को 5 स्वर्ण : एनएडीटी में 16 महीने के प्रशिक्षण के दौरान विविध क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करनेवाले 7 प्रशिक्षुआें को 11 स्वर्ण पदक देकर उपराष्ट्रपति धनखड़ के हाथों सम्मानित किया गया। सुनीता मीणा ने सर्वाधिक 5 स्वर्ण पदक प्राप्त किए। उपराष्ट्रपति ने अपने भाषण में सुनीता मीणा की सराहना की।

Created On :   16 April 2024 4:43 AM GMT

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