लासलगांव: प्रधानमंत्री की सभा से पहले किसानों का आंदोलन, प्याज की माला पहनकर नारेबाजी

प्रधानमंत्री की सभा से पहले किसानों का आंदोलन, प्याज की माला पहनकर नारेबाजी
  • गले में प्याज की माला पहनकर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी
  • आंदोलनकर्ताओं को पुलिस ने दबोचा
  • गले में प्याज की माला पहनकर प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, नाशिक. दिंडोरी, नाशिक और धुलिया चुनावक्षेत्र में भाजपा की ओर से चुनाव लढ़ रहे उमेदवारों का प्रचार करने के लिये बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निफाड तहसील के पिंपलगाव बसवंत कृषी मंडी के मैदान पर चुनाव सभा का अयोेजन किया गया था। इस दौरान लासलगांव में अक्रोशित किसानों ने गले में प्याज की माला पहनकर संपूर्ण निर्यात बंदी हटाने की मांग को लेकर आंदोलन किया। आंदोलनकर्ता किसान पिंपलगाव बसवंत की ओर रवाना होने की जानकारी मिलने के बाद लासलगाव पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक भास्कर शिंदे व पुलिस कर्मीयों ने मौके पर पहुंचकर 15 किसानों को हिरासत में लिया। इस आंदोलन में शामिल हुए मुंबई कृषी उपज मंडी समिती के संचालक जयदत्त होलकर,डॉ सुजित गुंजाल,शिवसेना के शिवा सुराशे,राष्ट्रीय काँग्रेस के डॉ विकास चांदर,अफजल शेख,प्रवीण कदम,मधुकर गावडे,विकास रायते,महेश होळकर,संतोष पानगव्हाणे,गोकुल पाटील,प्रमोद पाटील,भरत होलकर,राहुल शेजवल,राहुल वाघ सहित अनेक प्याज उत्पादक किसान शामिल हुए। दरम्यान, लासलगाव पुलिस ने मतदान का बहिष्कार करने की चेतावनी देनेवाले शहर विकास समिती और किसानों संगठन के कार्यकर्ता, व्हाट्सअप ग्रुप ॲडमिन सहित कुल 20 लोगों को प्रतिबंधात्मक नोटीस जारी की।

केंद्र की दमननिती

जयदत्त होलकर, मुंबई कृषी उपज मंडी समिती संचालक के मुताबिक प्याज निर्यात बंदी के पावणे पाच महिनों में किसानों के करोड़ो रूपये का नुकसान हुआ। इससे किसान अक्रमक हो गये हैं। जिन्होने प्रधानमंत्री से जवाब देने की मांग की। इसे उन्होने किसानों का मुलभूत अधिकार बताया। इसके बावजूद पुलिस अधिकारीयों ने हमारे के खिलाफ जबरन कारवाई की। यह केंद्र सरकार की दमननिती हैं।

केंद्र सरकार का घोर विरोध

शिवा सुरासे, पूर्व निफाड पंचायत समिती, सभापती के मुताबिक निर्यातबंदी अधूरी हटाई गई हैं। इसलिए प्याज के दामों में कोई सुधार नही हुआ हैं। किसानों को उत्पादन खर्च निकालना मुश्किल हो रहा हैं। प्याज उत्पादक किसानों की भावनाये तीव्र हुई हैं। सरकार किसानों को दबाने का प्रयास कर रही हैं। जिसका हम घोर विरोध करते हैं।


Created On :   15 May 2024 2:22 PM GMT

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