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जिले के 150 मंजरे-टोले ऐसे जहां आज तक नहीं बन पाई सड़क

अफसरों ने तय किया टारगेट, तीन माह में मुख्य मार्गों से जुड़ेेंगे ग्रामीण
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । मुख्य सड़कों से दूर जिले के ऐसे गांव जहां तक अब भी सड़क नहीं पहुंची है, वहां सड़क निर्माण शुरू कराया जा रहा है। जिले के 150 ऐसे मंजरे टोले चिन्हित किए गए हैं, जिनकी मुख्य सड़कों से कनेक्टिीविटी नहीं है। अब इन गांवों को पक्के मार्गों से जोडऩे का काम शुरू हो गया है। मनरेगा की सुदूर संपर्क सड़क योजना के तहत सड़क बनाई जा रही है। इसके लिए अफसरों ने टाइम लिमिट भी तय करते हुए इसे अगले तीन माह में पूर करने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल 119 सड़कों को जिला पंचायत की स्वीकृति मिल चुकी है, जिनमें से 55 सड़कों में काम भी शुरू हो चुका है। इस लिहाज से आने वाले कुछ महीनों में मुख्य सड़कों से दूर मंजरे-टोले पहुंचना अब आसान हो पाएगा।
ऐसे बन रही सड़क
अब तक गांवों को जोडऩे के लिए मिट्टी मुरम की सड़क बनाई जाती थी, लेकिन इस बार इसमें बदलाव किया है। जिपं अधिकारियों की माने तो प्रति किलोमीटर जहां चार लाख रुपए का औसतन खर्च आता था जो अब बढ़ गया है। इसे तीन परतों के साथ मिट्टी, मुरम और गिट्टी की लेयर के बाद काली मिट्टी में रोलर से कम्पेक्शन किया जा रहा है। तकरीबन 12 फीट चौड़ी यह सड़क होगी।
अभी और सड़कें भी होंगी चिन्हित
फिलहाल ऐसे मंजरे-टोले जो मुख्य सड़क से एक से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर हैं और यहां पर सड़क नहीं बनी है। इसमें अब तक 150 सड़कों को चिन्हित किया है, जहां जिला पंचायत की ओर से 119 सड़कों को स्वीकृत भी कर दिया गया है। वर्तमान में 55 सड़कों का काम भी शुरू हो चुका है। इसके बाद अब उन सड़कों को इसमें शामिल किया जाएगा, जिनका दस वर्ष पूर्व निर्माण हुआ था और वह खराब हो चुकी है। इन सड़कों को बनाया जाएगा।
सड़क बनने से यह होगा फायदा
सड़क बनने से मूलभूत सुविधाओं से दूर मंजरे-टोले में रहने वाले गांवों को आना-जाना आसान होगा। सड़क नहीं होने से कई मर्तबा शासकीय योजनाओं का लाभ सीधे तौर पर पहुंचेगा। बारिश के दौरान जहां इन गांवों से संपर्क टूट जाता था, वहीं अब यहां जाना-आना आसान होगा।
गुणवत्ता तय करेगी सड़कों का भविष्य
मंजरे-टोलों को मुख्य सड़क से जोडऩे का काम किया जा रहा है। यहां अधिकारियों का दावा है कि गुणवत्ता के साथ सड़कों को बनाया जा रहा है। ऐेसे में सड़क बनने के बाद इन सड़कों की गुणवत्ता इनका भविष्य तय करेगी कि यहां कितने सालों तक ग्रामीणों को सुविधा दे पाती है।
इतनी सड़क हुई स्वीकृत
जिले में कुल 119 सड़कें स्वीकृत हुई हैं। जिसमें अमरवाड़ा जनपद से 7, बिछुआ से 24, चौरई से 20, छिंदवाड़ा से 22, हर्रई से 3, जामई से 15, मोहखेड़ से 11, पांढुर्ना से 5, परासिया से 7 और तामिया की 5 सड़कें हैं।
इनका कहना है
॥ऐसे मंजरे टोले जो अब तक मुख्य सड़कों से जुड़ नहीं पाए हैं, उन्हें जोड़ा जा रहा है। मनरेगा के तहत इन सड़कों को बनाया जा रहा है। अब तक 150 सड़कों को चिन्हित किया जा चुका है, जिसमें से 119 स्वीकृत हो चुकी है। हमारा लक्ष्य है कि अगले तीन माह में इन सड़कों को बना लिया जाए।
- गजेन्द्र सिंह नागेश, सीईओ जिपं
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